डायरेक्ट टैक्स (प्रत्यक्ष कर) वह टैक्स होता है जो सरकार वसूलती है आपसे आपकी कमाई के ऊपर. यानी आपने कमाई की है तो आपको यह टैक्स देना है और अगर कमाई नहीं की है तो टैक्स नहीं देना है. आयकर डायरेक्ट टैक्स में ही आता है. आप कमाई करते हैं तभी तो इनकम टैक्स भरते हैं.
डायरेक्ट टैक्स में इनकम टैक्स के अलावा गिफ्ट टैक्स, वेल्थ टैक्स, कैपिटल गेन टैक्स आदि टैक्स भी शामिल होते हैं. अगर आप कमाई करते हैं तो इन टैक्सों का भुगतान करना होता है. कंपनियों के लिए कॉरपोरेट टैक्स इस टैक्स के दायरे में आता है. जिस व्यक्ति या कंपनी ने कमाई की है उसे डायरेक्ट टैक्स देना ही होता है.
डायरेक्ट टैक्स में ये टैक्स शामिल
– आय कर (Income Tax) – आपकी आय पर लगने वाला टैक्स इनकम टैक्स है. हालांकि इनकम टैक्स एक्ट के तहत कई सेक्शंस के जरिए निवेश, होम लोन, इंश्योरेंस प्रीमियम पर टैक्स छूट मिलती है.
– कैपिटल गेन्स टैक्स (Capital Gains Tax) – किसी भी एसेट की बिक्री पर होने वाली कमाई पर लगने वाला टैक्स कैपिटल गेन टैक्स कहलाता है. इक्विटी में लंबी अवधि के निवेश पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगता है. एक साल में एक लाख से ज्यादा का मुनाफा होने पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगता है. वहीं इससे छोटी अवधि में शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगता है. डेट कैटेगरी के निवेश में 3 साल से कम अवधि के निवेश पर आपको शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स देना होता है. वहीं प्रॉपर्टी की बिक्री पर भी मुनाफे पर कैपिटल गेन टैक्स लगता है.
– सिक्योरिटीज ट्रांसक्शन टैक्स (Securities Transaction Tax) – शेयरों की खरीद-बिक्री पर लगने वाला टैक्स.
– कॉर्पोरेट कर (Corporate Tax) – कंपनियों पर लगने वाला टैक्स
– गिफ्ट टैक्स (Gift Tax)