जन धन खाते (jan dhan account) में पैसा जमा करने के मामले में महिलाओं ने पुरुषों को काफी पीछे छोड़ दिया है. एक रिपोर्ट के मुताबिक जन धन योजना के खातों में महिलाओं की औसत शेष राशि पुरुषों की तुलना में 30 फीसद ज्यादा है. महिला विश्व बैंकिंग और बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक कम आय वाली 10 करोड़ महिलाओं को सर्विस मुहैया करके पब्लिक सेक्टर बैंक 25,000 करोड़ रुपये तक की राशि जन धन खातों में आकर्षित कर सकते हैं.
महिला सशक्तिकरण का मंच बन सकती है यह योजना
महिला विश्व बैंकिंग एग्जीक्यूटिव (एशिया) श्रीरामन जगन्नाथन ने कहा कि हम जन धन योजना खातों जैसा एक मंच पाकर धन्य हैं. यह मंच दुनिया का सबसे बड़ा महिला-सशक्तिकरण का मंच बन सकता है. जगन्नाथन के अनुसार किसी अन्य देश में एक पायलट कार्यक्रम का उपयोग करके महिला-सशक्तिकरण कार्यक्रम चलाना होगा.भारत में ज्यादातर महिलाओं के पास पहले से ही जन धन खाते हैं.
रिपोर्ट में सिफारिश की गई है कि बैंक महिलाओं के लिए ऐसी स्कीम बनाए, जिससे छोटी रकम जमा करने को और ज्यादा आकर्षित बनाया जा सके. इस रिपोर्ट में अपील की गई है कि जन धन खाते के डेटा को लिंग के अनुसार अलग-अलग किया जाए.
जन धन अकाउंट को लेकर जागरूकता की जरूरत
बैंक ऑफ बड़ौदा के एमडी और सीईओ संजीव चड्ढा ने कहा कि निम्न आय वर्ग की महिलाओं की एक बड़ी आबादी अभी भी अपने बैंक खातों का सही ढंग से इस्तेमाल नहीं कर पा रही हैं. वे अभी भी इसमें केवल पैसे जमा करने और निकालने तक ही सीमित हैं. यहां बड़े स्तर जागरूकता मुहिम की जरूरत है. महिला-विशिष्ट (women-specific) बचत खाते को जन धन खाते से लिंक करने की बैंक ऑफ बड़ौदा की मुहिम काफी हद तक सफल रही है. जब सरकार ने महामारी वर्ष के दौरान महिलाओं के खातों में 500 रुपये प्रति माह स्थानांतरित करने का फैसला किया. तब बड़ी संख्या में महिलाएं जनधन खाते की तरफ आकर्षित हुई.
यदि आप भी अपना जन धन अकाउंट ओपन करना चाहते हैं, तो किसी भी नजदीकी सरकारी बैंक जाकर जन धन फॉर्म भर दें. और साथ में संबंधित सभी दस्तावेज अटैच कर दें. इसके अलावा अब जन धन खाता खुलवाने के लिए ऑनलाइन विकल्प भी मौजूद है. जनधन की वेबसाइट पर जाकर अकाउंट खोलने से संबंधित फॉर्म भर सकते हैं.
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