आज के समय में बैंकों और NBFC की होम लोन स्कीम्स (Home Loan schemes) लाखों होम बॉयर्स के ‘ड्रीम हाउस’ को हकीकत बना रहे हैं. होम लोन एक लॉन्ग टर्म का कर्ज होता है, इसमें कस्टमर को हर महीने एक फिक्स EMI बतौर रिपेमेंट करनी होती है. कई बार जल्दबाजी में महंगी ब्याज दर पर होम लोन ले लिया जाता है या फिर कई बार कस्टमर बैंकों द्वारा सही सर्विस न मिलने से परेशान रहते हैं.
ऐसी परिस्थितियों में कस्टमर के मन में अपने होम लोन को अपने मौजूदा उधारदाता से किसी अन्य उधारदाता के पास ट्रांसफर करने का विचार उत्पन्न हो सकता है. अगर कुछ महत्वपूर्ण बातें जान ली जाएं तो होम लोन ट्रांसफर कराना आसान और कारगर साबित हो सकता है.
जानें कब लें लोन ट्रांसफर का निर्णय
अमूमन होम लोन बैलेंस ट्रांसफर एक बेहतर डील और EMI/ब्याज का बोझ कम करने के लिए किया जाता है. अगर आपका बैंक होम लोन पर ज्यादा ब्याज ले रहा है और उसमें आपको रियायत देने को तैयार नहीं है तो आप बैलेंस ट्रांसफर कर सकते हैं.
होम लोन के शुरुआती दौर में ईएमआई में ब्याज का हिस्सा ज्यादा और प्रिंसिपल अमाउंट का कम रहता है. इसलिए सस्ती ब्याज दरों का ऑप्शन चुनना बेहतर रहता है. मौजूदा दौर में कई बैंक 6.70 फीसदी के शुरुआती रेट पर होम लोन ऑफर कर रहे हैं.
प्रोसेसिंग फीस
चूंकि, यह आपके लोन को फिर से फाइनेंस करने की तरह है, इसलिए इसमें एक प्रोसेसिंग चार्ज भी लगता है. अधिकांश बैंक और NBFC, प्रोसेसिंग चार्ज के रूप में, ट्रांसफर होने वाले लोन का 1 से 3% तक चार्ज करते हैं.
ट्रांसफर की लागत, शर्तें जानना जरूरी
होम लोन ट्रांसफर कराने के पीछे कस्टमर का मकसद ज्यादा पैसा चुकाने से बचना है. ऐसे में यह जानना बेहद जरूरी है कि नए बैंक में लोन ट्रांसफर कराने पर आपकी लागत कितनी आएगी और बैंक की छिपी शर्तें क्या हैं. इन्हें जानना जरूरी है. इसके लिए बैंक अधिकारी से इस बारे में डिटेल में जानकारी लेना चाहिए.
लोन रीस्ट्रक्चरिंग की सुविधा
जब आप नए लेंडर के पास होम लोन बैलेंस ट्रांसफर कराते हैं, तो आपको लोन रीस्ट्रक्चरिंग की भी सुविधा मिल जाएगी. यानी, आप अपनी रिपेमेंट कैपेसिटी के मुताबिक रीपेमेंट टेन्योर और ईएमआई कम या ज्यादा करा सकते हैं.
लोन अवधि लंबी होने पर ही करें ट्रांसफर
जानकारों का मानना है कि लोन अवधि लंबी होने की सूरत में ही लोन ट्रांसफर करना ज्यादा फायदेमंद होता है. अगर सिर्फ एक या दो साल के लिए लोन ट्रांसफर करना है तो इसका कोई बहुत ज्यादा मतलब नहीं निकलता है. अगर होम लोन 20 साल का है तो 16 से 18 साल तक के लिए स्विच किया जा सकता है.
बड़ी राशि बकाया होने पर फायदेमंद
अगर होम लोन की बकाया राशि ज्यादा है तब ही ट्रांसफर का फैसला सही होता है. बता दें कि ईएमआई में प्रिंसिपल अमाउंट और ब्याज दोनों शामिल होते हैं.
मिल सकता है टॉप-अप लोन
होम लोन बैलेंस ट्रांसफर कराने पर एक फायदा यह होता है कि आप टॉप-अप का भी फायदा उठा सकते हैं. आमतौर पर आप अमाउंट का कहां इस्तेमाल करते हैं, इसकी कोई पाबंदी नहीं होती है.
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