रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने पॉलिसी दर में कोई बदलाव नहीं किया है. मतलब, अगले तीन महीनों तक ये दरें यथावत बनी रहेंगी. मई 2020 में इसे घटाकर 4 फीसदी किया था. बता दें कि पॉलिसी दरों का सीधा असर ब्याज दरों पर पड़ता है. कम ब्याज दर के इस दौर में निवेशक, कैसे बेहतर रिटर्न प्राप्त कर सकता है, इस बारे में बता रहा है Money9.
लंबी अवधि से बचें
यदि आप एफडी पर निवेश करने की योजना बना रहे हैं तो कम अवधि वाली जमा को चुनें. इससे आपका पैसा कम ब्याज दर वाले दौर में ज्यादा फंसा नहीं रहेगा. यदि बीच में इन दरों में बढ़ोतरी होती है तो आप अपनी एफडी की अवधि को बढ़ाने के बारे में सोच सकते हैं.
हिस्सों में निवेश करें
पर्सनल फाइनेंस के जानकार नीलोत्पल बनर्जी का कहना है कि निवेश करने की योजना है तो कम राशि की छोटी अवधि का निवेश करें. इससे आपको समय आने पर अपना निवेश विकल्प बदलने में मदद मिलेगी. मसलन, यदि आप 50 हजार का एफडी करने जा रहे हैं तो इसे 20, 15 और 15 हजार के टुकड़ों में करें. साथ ही इनकी अवधियों को अलग-अलग रखें.
फ्लोटिंग दर वाले FD चुनें
कोलकाता के निवेश जानकार सैबल बिस्वास का कहना है कि यदि आप उतार-चढ़ाव वाली दरों पर दांव नहीं लगाना चाहते तो फ्लोटिंग रेट वाले एफडी या फ्लोटिंग रेट बॉन्ड लेने के बारे में विचार कर सकते हैं.
सामान्य FD vs फ्लोटिंग FD
सामान्य फिक्स्ड डिपॉजिट में एक तय अवधि के लिए निश्चित जमा की जाती है. मैच्योरिटी से पहले निकासी पर आपको पेनाल्टी देनी होती है. साथ ही पूरी अवधि में ब्याज दरें अपरिवर्तित रहती हैं. दूसरी ओर, प्लोटिंग एफडी में एक तय समय के बाद आप बिना पेनाल्टी के निकासी कर सकते हैं. साथ ही ब्याज दरों में बदलाव आने पर इनकी दरें भी बदलती हैं.