प्रधानमंत्री जनधन योजना (Pradhan Mantri Jan Dhan Yojana- PMJDY) केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की शुरू की गई एक बेहद महत्वाकांक्षी योजना है. इस स्कीम के जरिए देश के हर नागरिक को बैंकिंग सेवाओं के साथ जोड़ने की मुहिम शुरू की गई है.
इसके अलावा, जनधन खातों के जरिए ही एक बड़े तबके को सब्सिडी और दूसरे सरकारी फायदे मुहैया कराने में भी सरकार को सफलता मिल रही है.
PMJDY इन खातों को तहत देश के गरीबों का खाता जीरो बैलेंस पर बैंकों और पोस्ट ऑफिस में खोला जाता है. प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) के तहत खुलवाए गए खातों में देश की बड़ी आबादी को कई तरह की सुविधाएं मिलती हैं.
यहां हम बता रहे हैं कि जनधन खातों को खोलने के लिए किन दस्तावेजों की जरूरत पड़ती है. गौर करने वाली बात ये भी है कि इस अकाउंट के साथ मिलने वाली सुविधाओं का लाभ उन्हीं लोगों को मिलेगा, जिनका खाता आधार से लिंक होगा.
यूं खुलवाएं खाता
जनधन खाता खुलवाने के लिए इन दस्तावेजों की जरूरत पड़ेगीः आधार कार्ड या पासपोर्ट या ड्राइविंग लाइसेंस या PAN कार्ड, वोटर कार्ड, MNREGA जॉब कार्ड, अथॉरिटी से जारी लेटर, जिसमें नाम, पता और आधार नंबर लिखा हो, गजेटेड आफिसर द्वारा जारी लेटर जिसपर खाता खुलवाने का अटेस्टेड फोटो लगा हो.
मुफ्त मिलता है इंश्योरेंस कवर
अगर आपके पास प्रधानमंत्री जनधन अकाउंट (JanDhan Account) है, तो आप मुश्किल के इस दौर में कुछ राहत पा सकते हैं. अकाउंटहोल्डर को 2 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा और उसके साथ ही 30,000 रुपये का जनरल इंश्योरेंस दिया जाता है. कुल मिलाकर योजना में खाताधारक को कुल 2.30 लाख रुपये का लाभ मिलता है.
30.9 करोड़ रुपे डेबिट कार्ड्स जारी किए जा चुके
आंकड़ों के मुताबिक, 42.2 करोड़ जनधन लाभार्थियों को 30.9 करोड़ रुपे डेबिट कार्ड्स जारी किए जा चुके हैं. इस लिहाज से 73.22% लाभार्थियों के पास डेबिट कार्ड्स हैं.
इन कार्ड्स के जरिए जनधन (JanDhan Account) खाता धारक ATM और ऑनलाइन बैंकिंग कर सकते हैं.
केंद्र सरकार ने अगस्त 2014 में इस स्कीम (JanDhan Account) को लॉन्च किया था. इसका मकसद कमजोर तबके के लोगों को बैंकिंग सेवाओं से जोड़ना है.
सरकार ने लक्ष्य रखा है कि देश के हर वयस्क नागरिक का कम से कम एक बैंक खाता होना चाहिए. प्रधानमंत्री जनधन योजना (PMJDY) फाइनेंशियल इनक्लूजन की दिशा में एक बड़ा कदम है.
ये भी जानें
जनधन खातों के विश्लेषण से कुछ दिलचस्प तथ्य पता चलते हैं. मसलन, हर तीन में से औसतन दो जनधन खातों (66%) को ग्रामीण या अर्ध-शहरीय इलाकों में खोला गया है.
दूसरी तरफ, 34 फीसदी खाते शहरी या मेट्रो इलाकों में खोले गए हैं. इसके अलावा, इन खातों में औसत जमा 3,449 रुपये है.
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