UPI एक ऐसा सिंगल प्लेटफॉर्म है, जो एक ही छत के नीचे अलग-अलग तरह की बैंकिंग सेवाएं ग्राहकों को मुहैया कराता है. इसके जरिए आप तत्काल मोबाइल ऐप से एक बैंक से दूसरे बैंक में पैसों को ट्रांसफर कर सकते हैं. ये पेमेंट सिर्फ ऐप और मोबाइल डिवाइस के जरिए ही संभव है. Unified Payment Interface के जरिए पैसों का ट्रांसफर 24 घंटे किसी भी वक्त कर सकते हैं.
UPI इस्तेमाल करने के लिए व्यक्ति का किसी बैंक में अकाउंट होना चाहिए और वो UPI सेवा से जरूर जुड़ा हो. आपका बैंक UPI सर्विस दे रहा है, इसे जानने के लिए आपको यहां क्लिक करना होगा. अगर आपका बैंक Unified Payment Interface सेवाएं देता है, तो पहले आपको अपने स्मार्टफोन के हिसाब से यूपीआई सपोर्ट करने वाली मोबाइल ऐप्लीकेशन डाउनलोड करनी होगी. कुछ प्रमुख यूपीआई ऐप्स की सूची में फोनपे, गूगल-पे, पेटीएम, अमेजन पे, व्हाट्सऐप पे, भीम और दूसरे नाम शामिल हैं.
सेटिंग अप: एक बार यूपीआई प्लेटफॉर्म ऐप चुनने के बाद आपको नीचे लिखे स्टेप्स को फॉलो करें.
पहले अपना नंबर वेरिफाई करें. Unified Payment Interface सिस्टम आपके बैंक खाते से जुड़े फोन नंबर के जरिए आपके बैंक खाते की डिटेल्स और प्रमाणिकता की जांच करता है. यूपीआई ऐप को उसी मोबाइल में डाउनलोड करें, जो नंबर आपके बैंक अकाउंट से जुड़ा हो. नंबर के वेरिफिकेशन के बाद अपना नाम और ईमेल जैसी बेसिक डिटेल्स को डालकर अपना 4 डिजिट पासवर्ड (पिन) डालें. अगर आप अपना पिन भूल जाते हैं तो आपको यूपीआई ऐप में लॉगइन करने और दोबारा पासवर्ड रिकवर करने के लिए ईमेल की जरूरत होगी.
आपके ईमेल की तरह, UPI वर्चुअल पासवर्ड एड्रेस (VPA) आपकी यूपीआई आईडी है, जो दूसरे लोगों को आपको पैसे भेजने में मदद करेगी.
अपना बैंक अकाउंट चुने और लिंक करें. अपने डेबिट कार्ड के आखिरी 6 अंक और एक्सपायरी डेट के आधार पर अपना पिन सेट करें.
यूपीआई ने रुपए भेजने की प्रक्रिया को बेहद आसान कर दिया है. इसके लिए आपको जिस अकाउंट में रुपए भेजने हैं, उसका अकाउंट नंबर, अकाउंट टाइप, IFSC कोड और बैंक का नाम याद रखने की जरूरत नहीं है. आप सिर्फ UPI आईडी, आधार नंबर और रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर के जरिए रुपए ट्रांसफर कर सकते हैं. UPI सर्विस को सपोर्ट करने वाली आप किसी भी ऐप पर आप अपनी आईडी सेट कर सकते हैं.
फिलहाल, UPI ट्रांजैक्शन की अधिकतम लिमिट एक लाख रुपए प्रतिदिन है. इस अधिकतम लिमिट के बाद, बैंकों की अपनी अलग-अलग सब-लिमिट हो सकती है.
यूपीआई ट्रांजैक्शन्स में बेहद सुरक्षित इनक्रिप्शन फॉर्मेट के जरिए होता है, जिसके तोड़ पाना बेहद कठिन है. ये दो ऑथेंटिकेशन तरीकों पर काम करता है, जो OTP जैसे हैं. जो आपके हर ट्रांजैक्शन को वेरिफाई करता है. हालांकि, वेरिफाई करने के लिए OTP के स्थान पर यूपीआई पिन का उपयोग किया जाएगा.
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