फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) शॉर्ट, मीडियम या लॉन्ग टर्म में किसी के पैसे को बढ़ाने का सबसे सुरक्षित निकट-गारंटीकृत इंस्ट्रूमेंट्स है. आज के इस दौर में सभी प्रमुख बैंक पिछले कुछ वर्षों की तुलना में बहुत कम ब्याज दर दे रहे हैं लेकिन फिर भी कुछ ऐसे भी बैंक हैं, जो फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) पर अपेक्षाकृत ज्यादा ब्याज दर प्रदान कर रहे है. हालांकि, बाजार से जुड़े ऐसे कई निवेश के विकल्प हैं, जो बहुत अधिक रिटर्न की पेशकश तो करते हैं. लेकिन वे सुरक्षित या गारंटीकृत नहीं होते हैं.
हम आपको 3 से 5 साल की FD से जुड़ी सभी प्रकार की जानकारी दे रहे हैं. जिससे आप अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग के अनुसार सही FD का चयन कर सकें.
मुख्य रूप से प्राइवेट बैंक 3 से 5 साल की FD में पब्लिक सेक्टर बैंक की तुलना में बेहतर रिटर्न दरों की पेशकश कर रहे हैं. कुछ ऐसे बैंक है जो इस अवधि में 6% से ज्यादा की ब्याज दर दे रहे हैं. हाईएस्ट ब्याज की लिमिट 5.5% से 6.3% के बीच बनी हुई है. प्राइवेट लेंडर्स आरबीएल (RBL) और यस बैंक (YES BANK) क्रमशः 6.3% और 6.25% की ब्याज दर FD पर दे रहे हैं. साथ ही अन्य दो प्रमुख प्राइवेट लेंडर्स IDFC फर्स्ट बैंक और इंडसइंड बैंक दोनों ही 6% की ब्याज दर FD पर दे रहे हैं. इसके अलावा DBS बैंक है, जो ग्राहकों को 5.95% की ब्याज दर ऑफर कर रहा है.
इसके बाद कर्नाटक बैंक और करूर वैश्य बैंक आते है. दोनों ही बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) पर 5.5% ब्याज दर की पेशकश कर रहे हैं. आखिरी दो स्पॉट पर यूनियन बैंक और एक्सिस बैंक हैं. दोनों बैंकों में 3 से 5 साल की FD के लिए 5.4% का ब्याज मिल रहा है.
पीएसबी और प्राइवेट लैंडर द्वारा दिए जाने वाले इंटरेस्ट रेट पर नजर डालें, तो आप पाएंगे कि इन बैंकों की ब्याज दर काफी कम है. पब्लिक सेक्टर के टॉप 3 बैंक यानी SBI, PNB और BOB 3 से 5 साल की FD के लिए क्रमशः 5.3%, 5.25% और 5.25% का ब्याज दे रहे हैं. वहीं दूसरी ओर HDFC और ICICI बैंक जैसे प्राइवेट लेंडर्स समान अवधि के लिए क्रमशः 5.3% और 4.4% की ब्याज दर दे रहे हैं.
RBI द्वारा जारी किये गये नये आकड़ो के मुताबिक 31 मार्च 2019 तक विभिन्न बैंक खातों में लगभग 18,381 करोड़ रुपये बेकार पड़े थे और नियमों के अनुसार, निवेशक का पैसा इन्वेस्टर एजुकेशन फंड में जाता है. अगर पैसा किसी खाते में 10 साल से अधिक समय तक बेकार या लावारिस रहता है, तो उसे इनऑपरेटिव या लावारिस मान लिया जाता है. RBI के आंकड़ों की मानें तो लगभग 5,000 करोड़ रुपये मैच्योर FD में निष्क्रिय पड़े हुई हैं, जो आज तक एक्टिव नहीं हैं.
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