प्रॉपर्टी पर लोन, यानी LAP (loan against property) कम समय में ज्यादा पैसों के प्रबंध का आम तरीका है. ये सिक्योर्ड लोन है, जो आम तौर पर पर्सनल लोन से कम दर पर मिल जाता है. ज्यादातर बैंक या गैर-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियां (NBFCs) इस तरह के लोन को ग्राहकों को 20 सालों के लिए देती हैं.
डॉक्यूमेंट्स और अप्रूवल के स्तर पर LAP के तहत मिलने वाला लोन आसान और कम समय में मिल जाता है. बैंक आमतौर पर प्रॉपर्टी पर लोन को 7 से 10 दिनों के अंदर मंजूरी दे देते हैं.
LAP के तहत मिलने वाला लोन 5 लाख रुपये से लेकर 500 करोड़ रुपये तक का हो सकता है. लोन टू वैल्यू (LTV) अनुपात आम तौर पर संपत्ति के बाजार मूल्य के 50-60% तक सीमित होता है. इसलिए कहा जाता है कि लोन के लिए अप्लाई करने से पहले प्रॉपर्टी की वैल्यू जांच लेनी चाहिए.
सभी बैंकों में HDFC बैंक सबसे कम, सिर्फ 8.00% की सालाना ब्याज दर पर प्रॉपर्टी पर लोन का ऑफर दे रहा है. इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर बैंक ऑफ बड़ौदा है, जो 8.20 फीसदी सालाना दर पर प्रॉपर्टी पर लोन दे रहा है.
IDBI बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र वर्तमान में प्रॉपर्टी पर 8.25 फीसदी और 8.55 फीसदी पर लोन का ऑफर दे रहे हैं. जबकि PNB और करूर वैश्य बैंक प्रॉपर्टी पर लोन के लिए 8.70 फीसदी सालाना ब्याज दर पर लोन का ऑफर दे रहे हैं.
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) देश का सबसे बड़ा लोन देने वाला बैंक है. SBI 8.80 फीसदी की दर पर प्रॉपर्टी पर लोन का ऑफर दे रहा है. दूसरी तरफ, ICICI बैंक और बैंक ऑफ इंडिया 8.85 फीसदी सालाना ब्याज दर पर प्रॉपर्टी पर लोन का ऑफर दे रहे हैं.
HDFC बैंक: 8.00%
बैंक ऑफ बड़ौदा: 8.20%
IDBI बैंक: 8.25%
बैंक ऑफ महाराष्ट्र: 8.55%
पंजाब नेशनल बैंक (PNB): 8.70%
करूर वैश्य बैंक: 8.70%
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI): 8.80%
ICICI: 8.85%
बैंक ऑफ इंडिया: 8.85%
ये रेट्स 31 अगस्त 2021 तक के हैं
प्रॉपर्टी पर मिलने वाले लोन से आपको इनकम टैक्स में कोई फायदा नहीं होता है. जबकि होम लोन में आपको टैक्स छूट का फायदा मिलता है. इसलिए आपकी टैक्स देनदारी लोन लेने के बाद उतनी ही रहती है. फाइनेंशियल प्लानिंग इन तमाम कारकों के मद्देनजर करनी चाहिए.
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