बैंक में बचत खाता (Savings Account) खोलने के लिए कई लोग सिर्फ इंटरेस्ट रेट को महत्व देते हैं. कुछ लोग तो सिर्फ जरूरत के लिए, जबकि कुछ शौक में ही अकाउंट खुलवा लेते हैं. बैंक भी ग्राहकों को सेविंग अकाउंट (Savings Account) के लिए लुभाते रहते हैं. लेकिन, बैंक में बचत खाता खोलने से पहले उससे जुड़ी कुछ बातों पर ध्यान देना बेहद जरूरी है:
सेविंग अकाउंट को इनवेस्टमेंट प्रोडक्ट न समझें
बैंक बचत खाता कोई निवेश का साधन नहीं है. यदि आपका निवेश का मकसद है तो कई विकल्प मौजूद हैं. सेविंग्स अकाउंट (Savings Account) में 2.5-6 फीसदी से ज्यादा रिटर्न नहीं मिलता है. इसलिए निवेश करने के लिए ज्यादा रिटर्न मिल सके ऐसे एसेट को पसंद करना चाहिए.
बैंक | सालाना इंटरेस्ट रेट | मिनिमम बैलेंस रूल |
SBI | 2.75% तक | मेट्रो & अर्बन-3,000 रुपये; सेमी अर्बन-2,000 रुपये; रूरल– 1,000 रुपये |
कोटक बैंक | 4% तक | जीरो बैलेंस सेविंग अकाउंट |
एक्सिस बैंक | 4% तक | जीरो बैलेंस सेविंग अकाउंट |
ICICI बैंक (रेगुलर) | 3.50% तक | 10,000 रुपये |
IDFC बैंक | 6% तक | 25,000 रुपये |
डॉक्युमेंट्स
भारत का कोई भी नागरिक या NRIs सेविंग बैंक अकाउंट (Savings Account) खुलवा सकते हैं. आपको ID प्रूफ और उम्र का प्रूफ (PAN, वॉटर ID, पासपॉर्ट एवं ड्राईविंग लायसंस), 2 पासपोर्ट–साइज फोटोग्राफ, एड्रेस प्रूफ (ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर ID, पासपोर्ट, युटिलिटी बिल) देना पड़ता है. सीनियर सीटिजन है तो उम्र का प्रमाणपत्र जरूरी है.
नजदीकी ध्यान में रखें
कई ऐसे काम हैं, जो ब्रांच जाकर ही किए जा सकते हैं, इसलिए जिस बैंक में खाता खुलवाए उसकी ब्रांच और ATM घर से कितना नजदीक है वो ध्यान में रखें. हर महीने ATM से लेनदेन की लिमिट होती है, ऐसे में इसकी उपलब्धता नहीं होने से आपकी ट्रांजैक्शन कॉस्ट बढ़ सकती है.
सर्विस क्वॉलिटी
सर्विस क्वॉलिटी के मामले में सरकारी बैंकों के मुकाबले निजी बैंक आगे हैं. ऑनलाइन बैंकिंग कामकाज बढ़ने से बैंक ब्रांच में जाने की जरूरत नहीं पड़ती, फिर भी किसी काम के लिए जाना पड़े तो ऐसी सर्विस के बारे में पता होना जरूरी है.
ऑटो ट्रांसफर रूल
बैंक के सेविंग्स अकाउंट (Savings Account) के साथ टर्म डिपॉजिट के उच्च रिटर्न की भी सुविधा मिलती है. इसमें आपके अकाउंट में तय लिमिट से ज्यादा की रकम को ऑटोमैटिकली FD में कनवर्ट किया जाता है, लेकिन जब अकाउंट में मिनिमम बैलेंस नहीं रखेंगे तो FD की रकम भी ऑटोमैटिक सेविंग्स अकाउंट में ट्रांसफर हो जाएगी.
रेगुलर सेविंग्स अकाउंट
इसमें आपको सिर्फ बेसिक शर्तों का पालन करना होता है. रेगुलर सेविंग्स अकाउंट (Savings Account) में नियमित रूप से अमाउंट डिपॉजिट नहीं होती है.
सैलरी सेविंग्स अकाउंट
कंपनी द्वारा बैंक को सूचना मिलने पर कर्मचारी के लिए ऐसे अकाउंट खोले जाते है. सैलरी अकाउंट के लिए बैंक कुछ खास सहूलियतें मुहैया कराती है. आपको मिनिमम बैलेंस की जरूरत नहीं पड़ती. 3 महीने तक सैलरी जमा न हो तो ऐसे अकाउंट को रेगुलर सेविंग अकाउंट (Savings Account) में तब्दील किया जाता है.
सीनियर सीटिजन सेविंग्स अकाउंट
ऐसे अकाउंट अन्य रेगुलर सेविंग अकाउंट (Savings Account)की तरह ही काम करते हैं, लेकिन इसमें सीनियर सिटीजन को ज्यादा इंटरेस्ट रेट और सहूलियतें मिलती हैं. इस अकाउंट को दूसरी सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम्स से जोड़ सकते हैं.
माइनर सेविंग्स अकाउंट
ऐसे अकाउंट में मिनिमम बैलेंस की जरूरत नहीं होती. अकाउंट की जिम्मेदारी बच्चों के कानूनी गार्डियन की होती है. बच्चे की उम्र 18 साल हो जाए बाद में अकाउंट को रेगुलर सेविंग्स अकाउंट में कन्वर्ट किया जाता है.
महिलाओं के सेविंग्स अकाउंट
ऐसे अकाउंट (Savings Account) खुलवाने पर महिलाओं को खास ऑफर मिलती है. आपको बैंक से कम रेट पर लोन मिल सकती है या डीमैट अकाउंट ओपन करवाने पर ज्यादा फायदे मिलते हैं. कुछ खरीददारी करने पर डिस्काउंट भी मिलता है.
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