RBI: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) जल्द ही एक सुपरवाइजरी सिस्टम लॉन्च करने जा रहा है. ये सिस्टम डिजिटल बैंकिंग और साइबर सिक्योरिटी जैसे हाई-टेक फंक्शन्स के ऑफ-साइट और ऑन-साइट सुपरविजन को सक्षम करेगा. डिप्टी गवर्नर एमके जैन ने एक समिट में इसकी जानकारी दी. वहीं आरबीआई ने शेड्यूल्ड कमर्शियल बैंक्स (SCBs) के लिए प्रॉम्प्ट करेक्टिव एक्शन (PCA) फ्रेमवर्क को भी रिवाइज किया है.
क्या कहा डिप्टी गवर्नर ने?
डिप्टी गवर्नर ने कहा, ‘सुपरवाइज्ड एनटीटी के साथ लगातार एंगेजमेंट के लिए, एक वेब-बेस्ड और एक एंड-टू-एंड वर्कफ़्लो ऑटोमेशन सिस्टम डेवलप किया गया है. इसके जरिए इंस्पेक्शन, कंप्लायंस और साइबर सिक्योरिटी से जुड़े मामलों को रिपोर्ट किया जा सकेगा. इसके अलावा भी कई अन्य फैसिलिटी इस सिस्टम में होगी. इस नए सिस्टम को जल्द ही लॉन्च किया जाएगा.’
एनालिटिकल टूल्स का इस्तेमाल
जैन के अनुसार, RBI ऑफ साइट सुपरविजन के लिए डेटा और एनालिटिकल टूल्स का तेजी से इस्तेमाल कर रहा है. केंद्रीय बैंक रिवैंप्ड डेटा वेयरहाउस, सेंट्रलाइज्ड इनफार्मेशन मैनेजमेंट सिस्टम के माध्यम से अपनी क्षमताओं को भी मजबूत कर रहा है.
पीसीए फ्रेमवर्क
इस बीच, आरबीआई ने शेड्यूल्ड कमर्शियल बैंक्स (SCBs) के लिए प्रॉम्प्ट करेक्टिव एक्शन (PCA) फ्रेमवर्क को रिवाइज किया है. बदलावों को 1 जनवरी, 2022 से लागू किया जाएगा। आरबीआई ने कहा, PCA फ्रेमवर्क का उद्देश्य उचित समय पर सुपरवाइजरी इंटरवेंशन को सक्षम करना है, ताकि सुपरवाइज्ड एनटीटी समय पर कदम उठाकर फाइनेंशियल हेल्थ को रिस्टोर कर सके.
PCA फ्रेमवर्क में विदेशी बैंक भी शामिल
आरबीआई ने कहा कि PCA फ्रेमवर्क भारत में ऑपरेट होने वाले सभी बैंकों पर लागू होगा. इसमें ब्रांच या सहायक कंपनियों के माध्यम से ऑपरेट होने वाले विदेशी बैंक भी शामिल हैं. बैंक को ऑडिटेड एनुअल फाइनेंशियल रिजल्ट और RBI के सुपरवाइजर असेसमेंट के आधार पर PCA के तहत रखा जाएगा। नए फ्रेमवर्क का उद्देश्य बाजार अनुशासन को भी लागू करना है.