देश में अवैध तरीके से डिजिटल लोन बांटने वाले मोबाइल ऐप्स पर लगाम लगाने के लिए आरबीआई (RBI) ने सरकार को नया कानून बनाने को कहा है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा गठित एक पैनल ने अपनी रिपोर्ट सौंपी है. पैनल कहा कि मोबाइल पर डिजिटल लोन बांटने वाले कुल 1100 ऐप्स हैं जिनमें से 600 अवैध हैं. आरबीआई (RBI) ने यह कदम लगातार फर्जीवाड़े की शिकायत मिलने के बाद उठाया है, अब जल्द ही ऐसे मोबाइल ऐप्स पर शिकंजा कसा जाएगा. आरबीआई पहले भी लोगों को डिजिटल लोन न लेने को लेकर सतर्क करते रहा है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार आरबीआई द्वारा गठित पैनल ने लोगों की सुरक्षा पर जोर दिया है. पैनल ने अपनी रिपोर्ट में नोडल एजेंसी बनाने की सिफारिश की है, जो इनका वेरिफिकेशन करेंगी. इसके साथ ही पैनल ने एक SRO (सेल्फ रेगुलेटरी ऑर्गनाइजेशन) भी बनाने का सुझाव दिया है. पैनल ने सभी डेटा को भारत में ही स्थित सर्वर में ही रखने को कहा है. पैनल ने कहा कि इस रिपोर्ट का मकसद ऐसी कंपनियों को कानूनी शिकंजे में कसकर ग्राहकों की सुरक्षा बढ़ाना है.
पैनल ने कहा कि वर्तमान में जिस तरह के हालात हैं उनमें ग्राहकों की सुरक्षा सबसे अहम है. कई ऐसे मामले सामने आए हैं जहां ग्राहक धोखाधड़ी का शिकार हुए हैं और मजबूरन उन्हें अपनी जीवन लीला को समाप्त करना पड़ा है. इसके अलावा कई ऐसे मामले भी देखे गए हैं जहां ग्राहकों से अधिक ब्याज वसूला गया है. आरबीआई की ओर से कहा गया है कि रिपोर्ट पर सुझाव ईमेल के माध्यम से दिए जा सकते हैं इसके लिए अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2021 होगी. यह रिपोर्ट आरबीआई ने गुरुवार को अपलोड की है.
पैनल ने अपनी रिपोर्ट में सुझाव दिया है कि डिजिटल लोन लेने वालों के बैंक खातों में सीधे तौर पर छूट मिलना चाहिए. सिर्फ डिजिटल लोन लेने वालों के बैंक खातों के माध्यम से ही लोन दिया जाना चाहिए. डिजिटल लोन में उपयोग की जाने वाली सुविधाओं का पेपर वर्क किया जाना चाहिए.
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