पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक के बाद अब एक और सहकारी बैंक पर भारतीय रिजर्व बैंक ने कड़ाई की है. 19 फरवरी को रिजर्व बैंक ने कर्नाटक के डेक्कन अरबन को-ऑपरेटिव बैंक (Deccan Urban Co-operative Bank) में नए डिपॉजिट, पैसे निकालने और लोन बांटने पर पाबंदी लगाई है. बैंक के ग्राहक 1,000 रुपये से ज्यादा की रकम नहीं निकाल सकेंगे.
रिजर्व बैंक ने कहा है कि अगले 6 महीने तक ये पाबंदी लागू रहेगी. डेक्कन अरबन को-ऑपरेटिव बैंक (Deccan Urban Co-operative Bank) की लिक्विडिटी को देखते हुए बैंक से सिर्फ 1000 रुपये प्रति ग्राहक निकालने की अनुमति दी गई है. ग्राहक अपने डिपॉजिट से किसी लोन का भुगतान जरूर कर सकते हैं. रिजर्व बैंक ने भरोसा दिया है कि बैंक के 99.58 खाता धारक DICGC इंश्योरेंस स्कीम के तहत पूरी तरह कवर हैं. डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन के तहत बैंक के खाता धारक के 5 लाख रुपये तक की रकम इंश्योर्ड होती है यानि 5 लाख रुपये तक के डिपॉजिट आपको रेजॉल्यूशन होने पर वापस हो जाएंगे.
रिजर्व बैंक ने अपने नोटिस में कहा है कि डेक्कन अरबन को-ऑपरेटिव बैंक (Deccan Urban Co-operative Bank) का लाइसेंस रद्द नहीं किया गया है. बैंक पाबंदियों के साथ ही अन्य बैंकिंग सर्विसेस देता रहेगा. 6 महीने बाद लगाई गई इन पाबंदियों की समीक्षा की जाएगी.
क्या हैं पाबंदियां?
भारतीय रिजर्व बैंक ने कर्नाटक के डेक्कन अरबन को-ऑपरेटिव बैंक (Deccan Urban Co-operative Bank) को नया कर्ज देने या डिपॉजिट स्वीकार करने से प्रतिबंधित कर दिया है. साथ ही ग्राहक अपने बचत खाते से 1,000 से ज्यादा की निकासी नहीं कर सकते. यह निर्दश छह महीने के लिये है.
सहकारी बैंक को बिना पूर्व मंजूरी के कोई नया निवेश या नई देनदारी लेने से भी मना किया गया है.
आरबीआई ने कहा कि उसने बैंक के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) को 18 फरवरी को यह निर्देश दिया.
केंद्रीय बैंक ने एक विज्ञप्ति में कहा, ‘‘बैंक की मौजूदा नकदी स्थिति को देखते हुए जमाकर्ताओं को सभी बचत खातों या चालू खातों से 1,000 रुपये से अधिक निकालने की अनुमति नहीं दी जा सकती.’’
बैंक वित्तीय स्थिति में सुधार तक बैंक कारोबार पूर्व की तरह करता रहेगा.
(PTI इनपुट के साथ)
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