डिजिटल लेनदेन को बढ़ाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने तत्काल भुगतान सेवा (IMPS) के जरिए लेनदेन की लिमिट दो लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने की घोषणा कर दी है. RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को मौद्रिक समीक्षा नीति की घोषणा करते हुए यह बात कही. इस दौरान RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि रिजर्व बैंक ने देशभर में ऑफलाइन तरीके से खुदरा डिजिटल भुगतान की रूपरेखा का प्रस्ताव तैयार किया है. इससे पहले उन्होंने ब्याज दरों को अपरिवर्तित रखने की जानकारी भी दी है.
डिजिटल भुगतान को और बढ़ाने में मदद करेगी नई लिमिट
RBI ने कहा कि यह कदम डिजिटल भुगतान को और बढ़ाने में मदद करेगा. 2 लाख रुपये से ज्यादा का भुगतान डिजिटल रूप से करने के लिए कस्टमर्स को एक अतिरिक्त सुविधा प्रदान करेगा. इस संबंध में बैंकों को आवश्यक निर्देश RBI द्वारा अलग से जारी किए जाएंगे. IMPS के जरिए किसी भी अकाउंट होल्डर को अब कहीं भी और किसी भी समय पैसे भेजे जा सकते हैं. 6 अगस्त, 2020 की विकासात्मक और नियामक नीतियों ने नई टेक्नोलॉजी का पायलट टेस्ट करने के लिए एक योजना की घोषणा की थी. जो उन स्थितियों में भी डिजिटल पेमेंट को सक्षम बनाती है जहां इंटरनेट कनेक्टिविटी कम है या उपलब्ध नहीं है.
क्या है IMPS कैसे करता है काम
भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) की तत्काल भुगतान सेवा (IMPS) एक महत्वपूर्ण भुगतान प्रणाली है, जो 24×7 तत्काल फंड ट्रांसफर की सुविधा प्रदान करती है. इस सुविधा का उपयोग कस्टमर्स मोबाइल बैंकिंग ऐप, इंटरनेट बैंकिंग, ATM, SMS और IVRS आदि के जरिए किया जा सकता है. IMPS सेवा सभी रजिस्टर्ड बैंक ग्राहकों के लिए उपलब्ध है. जनवरी, 2014 से IMPS में एक दिन में अधिकतम भुगतान सीमा वर्तमान में 2 लाख रुपये थी. SMS और IVRS के जरिए प्रति लेनदेन सीमा 5000 रुपये है. लेनदेन की प्रक्रिया में IMPS के महत्व को देखते हुए लेनदेन सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया गया है.