भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पांच करोड़ रुपये से कम बैंक एक्सपोजर वाले ग्राहकों के लिए करेंट अकाउंट खोलने के नियमों में ढील दी है. RBI के इस फैसले से कई छोटी फर्मों को मदद मिलेगी. बैंक अब छोटे कारोबारियों के चालू खाते आसानी से खोल सकते हैं. उन्हें कैश क्रेडिट (CC) और ओवरड्राफ्ट (OD) की सुविधा भी सरलता से मुहैया करा सकते हैं.
RBI ने इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (IBA) की ओर से मिले सुझावों के आधार पर यह फैसला लिया है.
बैंकों को अब क्या करना होगा
सर्कुलर के मुताबिक, उन ग्राहकों के खाते खोलने को लेकर अब कोई रोक नहीं है, जिनका बैंक एक्सपोजर पांच करोड़ रुपये से कम है. कैश क्रेडिट और ओवरड्राफ्ट की सुविधाओं पर भी रोक नहीं लगाई जाएगी. बैंकों के पास जरूरी बदलाव करने के लिए एक महीने का समय है.
हालांकि, बॉरोअर को क्रेडिटि फेसिलिटी पांच करोड़ रुपये या अधिक पहुंचने पर बैंक को जानकारी देनी होगी. इससे जुड़ी एक अंडरटेकिंग पर उन्हें पहले से हस्ताक्षर करना होगा.
नॉन-लेंडिंग बैंक चालू खाता नहीं खोल सकते हैं. मौजूदा गाइडलाइन के अनुसार, जो बॉरोअर CC/OD की सुविधा नहीं लेते हैं, उनके चालू खाते जारी रहेंगे.
साथ ही, बैंक इंटरबैंक अकाउंट भी खोल और मैनेज कर सकते हैं. ये खाते केंद्र और राज्य सरकारों के आदेशों के अनुसार चलाए जाते हैं. बैंकों को सुनिश्चित करना होगा कि इन खातों का इस्तेमाल केवल ऑथराइज्ड या खास ट्रांजैक्शन के लिए ही हो. आसान मॉनिटरिंग के लिए इन्हें कोर बैंकिंग सिस्टम में मार्क भी करना होगा.
RBI ने स्पष्ट किया है कि बैंकों को सभी खातों की साल में दो बार जांच करनी होगी. खासतौर पर यह पता लगाने के लिए कि बैंकिंग सिस्टम का बॉरोअर पर एक्सपोजर कितना है और उसमें बैंक की हिस्सेदारी कितनी है.