रिज़र्व बैंक को ग्राहकों को केवाईसी अपडेशन के नाम पर धोखाधड़ी के शिकार होने की शिकायतें/रिपोर्ट प्राप्त होती रहती है. ऐसे मामलों में सामान्यतः अवांछित संचार, जैसे कॉल, एसएमएस, ईमेल आदि ग्राहको को किया जाता है और उनसे कुछ व्यक्तिगत विवरण, खाता / लॉगिन विवरण / कार्ड की जानकारी, पिन, ओटीपी, आदि साझा करने का आग्रह किया जाता है या संचार में दिए गए लिंक का उपयोग करके केवाईसी अपडेशन के लिए कुछ अनधिकृत/असत्यापित एप्लिकेशन इंस्टॉल करने के लिए कहा जाता है. इस तरह के कोम्युनिकेशन में ग्राहको को खाता फ्रीज/ब्लॉक/बंद करने की धमकी भी दी जाती है. एक बार जब ग्राहक कॉल/मैसेज/अनधिकृत आवेदन पर जानकारी साझा करता है, तो धोखेबाज ग्राहक के खाते तक पहुंच प्राप्त कर लेते हैं और उसे धोखा देते हैं.
रिजर्व बैंक ने एक चेतावनी जारी कर कहा है कि ग्राहक आपना खाता लॉगिन विवरण, व्यक्तिगत जानकारी, केवाईसी दस्तावेजों की प्रतियां, कार्ड की जानकारी, पिन, पासवर्ड, ओटीपी आदि को अज्ञात व्यक्तियों या एजेंसियों के साथ साझा न करें. इसके अलावा, इस तरह के विवरण को असत्यापित/अनधिकृत वेबसाइटों या एप्लिकेशन के माध्यम से साझा नहीं किया जाना चाहिए. यदि उन्हें ऐसा कोई अनुरोध प्राप्त होता है, तो ग्राहकों से अनुरोध है कि वे अपने बैंक/शाखा से संपर्क करें.
आरबीआइने कहा की यह भी स्पष्ट किया जाता है कि जहां विनियमित संस्थाओं (आरई) को केवाईसी के सामयिक अपडेशन की आवश्यकता होती है, वहीं केवाईसी के सामयिक अपडेशन की प्रक्रिया को 10 मई, 2021 के परिपत्र के माध्यम से काफी हद तक सरल बनाया गया है. इसके अलावा, परिपत्र दिनांक 5 मई , २०२१, आरई को सूचित किया गया है कि ऐसे ग्राहक खातों के संबंध में जहां केवाईसी का सामयिक अपडेशन देय है और आज तक लंबित है, ऐसे खाते के संचालन पर केवल इसी कारण से, ३१ दिसंबर, २०२१ तक कोई प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा, जब तक कि किसी नियामक/प्रवर्तन एजेंसी/न्यायालय आदि के निर्देश के तहत वारंट न हो.
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