Pradhan Mandtri MUDRA Yojana: देश में आंत्रेप्रेन्योरशिप और व्यवसायों को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई स्कीम प्रधानमंंत्री मुद्रा योजना (PMMY) को आज 6 साल पूरे हो चुके हैं. 8 अप्रैल 2015 के बाद से आज तक योजना के जरिए 14.96 लाख करोड़ रुपये की रकम के 28.68 करोड़ लोन मंजूर किए जा चुके हैं. वहीं, साल 2020-21 में 4.20 करोड़ लोन मंजूर हुए हैं जिनकी कुल वैल्यू 2.66 लाख करोड़ रुपए होती है. वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक औसत 52,000 रुपए के कर्ज लिए गए हैं.
कोई छोटी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगानी हो, फूड सर्विस, रिपेयर की दुकान, फूड प्रोसेसिंग का बिजनेस, कारीगर हों या आप दुकानदार या सब्जी और फल बेचने का ही काम करते हों, आप प्रधानमंत्री मुद्रा योजना का फायदा उठा सकते हैं. शहर और गांव दोनों जगहों के लिए ये स्कीम मान्य है. अपने बिजनेस का विस्तार करना हो तो भी इस योजना का फायदा उठा सकते हैं.
PMMY: प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत आप आपना बिजनेस शुरू करने के लिए 10 लाख रुपये तक का कर्ज ले सकते हैं. छोटे, लघु और सूक्ष्म वर्ग के गैर-कॉरपोरेट और गैर-कृषि बिजनेस के लिए आप लोन अप्लाई कर सकते हैं. मैन्युफैक्चरिंग, ट्रेडिंग, सर्विस सेक्टर या कृषि से जुड़े अन्य किसी बिजनेस के लिए ये कर्ज दिया जाता है.
लोन आपको कमर्शियल बैंक, रूरल बैंक, स्मॉल फाइनेंस बैंक, माइक्रो फाइनेंस कंपनियां, और NBFCs से मिल सकता है. बैंक या NBFC कर्ज देने के लिए कोई भी सामान गिरवी या संपत्ति कोलेटरल के तौर पर नहीं रखवा सकती.
आपके बिजनेस की जरूरत के मुताबिक कर्ज दिया जाएगा. योजना के तहत अगर आप 50 हजार रुपये तक का कर्ज लेते हैं तो इसे शिशु कैटेगरी में माना जाता है. 50 हजार रुपये से 5 लाख रुपये तक का कर्ज किशोर कैटेगरी में आता है और 5 से 10 लाख रुपये तक का लोन तरुण कैटेगरी में गिना जाता है. इसमें सरकार का सबसे ज्यादा फोकस शिशु कैटेगरी के लोन पर है.
PMMY: इन लोन के लिए आप सीधे बैंक या NBFC में आवेदन दे सकते हैं. शिशु कैटेगरी के लोन के लिए सिर्फ एक पन्ने भर का फॉर्म भरना होगा जिसमें आपका नाम, पता, वोटर कार्ड या आधार नंबर जैसा पहचान पत्र, अपने घर और बिजनेस का पता आदि जानकारी देनी होगी. इसके 7-10 दिनों के अंदर आपका लोन की प्रोसेसिंग हो जाती है.
श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के किए सर्वे के मुताबिक प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) के जरिए 2015 से 2018 के बीच 1.12 करोड़ लोगों को रोजगार का मौका मिला है. 1.12 करोड़ में से 69 लाख नौकरियां महिलाओं को मिली हैं, जो कि कुल मामलों का 62 फीसदी है.
आंकड़ों के मुताबिक, इन कर्ज में से 24 फीसदी लोन नए उद्यमियों को दिए गए हैं. वहीं 68 फीसदी लोन महिला आंत्रेप्रेन्योर्स को दिए गए हैं. लगभग 51 प्रतिशत कर्ज अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गों को दिये गए हैं. तकरीबन 11 प्रतिशत लोन अल्पसंख्यक समुदाय के व्यक्तियों को दिए गए हैं.
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