Personal loan: चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के दौरान पहली बार बैंक ऋण में व्यक्तिगतों ऋणों (पर्सनल लोन) का हिस्सा उद्योग क्षेत्रों को दिए गए समग्र ऋण से आगे निकल गया है. बिजनेस टुडे की खबर के अनुसार भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा जारी आंकड़ों के हवाले से बताया गया है कि सितंबर 2021 तक उद्योग क्षेत्र में समग्र ऋण घटकर 66,239 करोड़ रुपए हो गया है, जबकि इसी अवधि के दौरान पर्सनल लोन बढ़कर 73,011 करोड़ रुपए हुआ.
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के आंकड़ों से पता चला है कि सितंबर के आखिरी शुक्रवार को बैंक का बकाया लोन 109.5 लाख करोड़ रुपए था.
इसमें से उद्योग को दिए गए ऋण का हिस्सा एक साल पहले के 27% से गिरकर 26% (28.3 लाख करोड़ रुपए) रह गया. पर्सनल लोन जो सितंबर 2020 में सभी बैंक का एक चौथाई हिस्सा था, सितंबर 2021 के अंत तक बढ़कर 27 फीसदी (29.2 लाख करोड़ रुपए) हो गया.
सितंबर को समाप्त छह महीनों में लोहा व इस्पात उद्योगों के ऋण में 39,249 करोड़ रुपए की गिरावट आई, जबकि रसायनों (जिसमें उर्वरक, फार्मास्यूटिकल्स और पेट्रोकेमिकल्स शामिल हैं) के ऋण में 10,146 करोड़ रुपए की गिरावट आई.
कुछ क्षेत्रों के लोन में बढ़त
हालांकि कुछ क्षेत्रों के लोन में बढ़त देखी गई है इनमें सड़कें, बंदरगाह और बिजली थे. चालू वित्तवर्ष की पहली छमाही में बड़े उद्योगों के लिए बकाया कुल ऋण में 5 फीसदी की गिरावट आई है.
पर्सनल सेगमेंट में देखा जाए तो बैंकों ने पिछले छह महीनों में 20,096 करोड़ रुपए का होम लोन दिया. उन्होंने अपने ऑटो और गोल्ड लोन में 3 हजार करोड़ रुपए की बढ़ोतरी की है. अन्य पर्सनल लोन में 45 हजार करोड़ रुपए की वृद्धि हुई है.
गोल्ड लोन की मांग मजबूत
सितंबर 2021 को समाप्त छह महीनों में व्यक्तिगत ऋण खंड में बकाया कुल ऋण में 73,000 करोड़ रुपए की वृद्धि हुई. पिछले वित्त वर्ष में भी गोल्ड लोन की मांग मजबूत थी और 2021-22 में यह सिलसिला जारी है.
व्यक्ति और सूक्ष्म उद्यम क्रमशः कार्यशील पूंजी और व्यक्तिगत जरूरतों के लिए गोल्ड लोन की ओर आकर्षित हो रहे हैं.
आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, 24 सितंबर 2021 को बैंकों का गोल्ड लोन पोर्टफोलियो 59.1 प्रतिशत बढ़कर 63,770 करोड़ रुपए हो गया, जो सितंबर 2020 तक 40,086 करोड़ रुपए था.
पर्सनल फाइनेंस पर ताजा अपडेट के लिए Money9 App डाउनलोड करें।