Neo banks: ग्लोबल कंसल्टेंसी मैकिन्से ने डिजिटल-ओनली बैंकिंग को लेकर एक सर्वे किया है. रिपोर्ट में सामने आया है कि सर्वे में शामिल 70% से ज्यादा भारतीय अपनी बैंकिंग जरूरतों के लिए डिजिटल-ओनली लेंडर पर स्विच करने के इच्छुक हैं. इस सर्वे में करीब 4000 लोग शामिल हुए. ये सर्वे ऐसे समय में आया है जब डिजिटलाइजेशन बढ़ रहा है और कई ‘Neo banks’ सामने आ रहे हैं.
कंसल्टेंसी ने कहा कि कम लागत वाले डिजिटल-ओनली बैंक और रोबो-एडवाइजर मौजूदा बैंकों के लिए एक बड़ी चुनौती पेश कर सकते हैं.
सर्वे में शामिल टियर- I और टियर- II शहरों के सेविंग बैंक अकाउंट होल्डर्स ने बैंकिंग के डिजिटल फॉर्म की ओर अपना रुझान दिखाया.
इनमें से 91 प्रतिशत ने कहा कि वे महीने में कम से कम एक बार डिजिटल बैंकिंग का उपयोग करते हैं. सर्वे में शामिल आधे लोगों ने कहा कि वे फिनटेक/ई-वॉलेट सेवाओं का उपयोग करते हैं.
रिपोर्ट के अनुसार, सर्वे में शामिल अधिकांश उपभोक्ता डिजिटल रूप से सक्षम थे. इनमें से 31 प्रतिशत ‘डिजिटल फर्स्ट’ और 67 प्रतिशत मल्टी-चैनल के साथ सक्षम थे. इसमें कहा गया है कि ‘डिजिटल फर्स्ट’ ग्राहकों का डिजिटल बिहेवियर यंगर एज ग्रुप के लिए ज्यादा है.
मैकिन्से के 2021 के पर्सनल फाइनेंशियल सर्विसेज सर्वे में 15 एशिया-प्रशांत बाजारों में लगभग 20,000 अर्बन बैंक्ड रेस्पॉन्डेंट्स को शामिल किया गया.
सर्वे में ये भी सामने आया है कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र के उभरते और विकसित बाजारों में दस में से नौ उपभोक्ता सक्रिय रूप से डिजिटल बैंकिंग का उपयोग करते हैं.
सर्वे में पाया गया कि इनमें से अधिकांश लोग डिजिटल चैनलों के माध्यम से अधिक बैंकिंग सेवाएं लेने के लिए तैयार हैं.
सर्वे में पाया गया कि 2017 और 2021 के बीच, एशिया-प्रशांत उभरते बाजारों में एक्टिव रूप से डिजिटल बैंकिंग का उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं की हिस्सेदारी में 33 प्रतिशत अंक की तेजी से वृद्धि हुई. यह 2017 के 54 प्रतिशत से 2021 में 88 प्रतिशत हो गई.
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