Micro ATM Service: गुजरात के छोटे से गांव ने डिजिटल बैंकिंग की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है.
राजकोट से 50 किलोमीटर दूर और 4,000 लोगों की आबादी वाला छोटा सा आनंदपर गांव माइक्रो एटीएम (Micro ATM Service) भुगतान केंद्र शुरू करने वाला देश का पहला गांव बन गया है.
डेयरी दिग्गज अमूल ने अपने सदस्य दूध उत्पादकों के लिए बैंकिंग सर्विस का विस्तार करने के उद्देश्य के साथ माइक्रो एटीएम सर्विस शुरू की है, जिसे ‘अमूल माइक्रो एटीएम सिस्टम’ कहा जाता है.
अमूल डेयरी आने वाले दिनों में पूरे गुजरात के साथ-साथ देश के अन्य हिस्सों में इस पायलट प्रोजेक्ट का विस्तार करेगी. अमूल इस समय 14 गांवो में पायलट प्रोजेक्ट चल रहा है.
ये सर्विस गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (GCMMF), जिसे अमूल के नाम से जाना जाता है. प्रोजेक्ट को फिनटेक कंपनी डिजिवृद्धि ने फेडरल बैंक के साथ भागीदारी कर संयुक्त रूप से विकसित किया है.
इसके तहत, फेडरल बैंक हर महीने की 9, 19 और 29 तारीख को आनंदपर ग्राम सहकारी सोसायटी को नकद राशि उपलब्ध कराएगा और ग्राम सहकारी सोसायटी के सचिव बैंक प्रतिनिधि के रूप में कार्य करेंगे.
डिजिवृद्धि की भूमिका ग्राम सहकारी सोसायटी और फेडरल बैंक को टेक्नोलॉजी से जोड़ने की रहेगी.
राजकोट डेयरी यूनियन में गांव स्तर की 892 दूध सहकारी समितियां जुड़ी हैं. ये गांवों में बैंकिंग सर्विसिज नहीं होने की वजह से 200 गांवों के दूध उत्पादकों को कैश में भुगतान करना पड़ता है, जिसमें काफी समय की बर्बादी होती है.
समिति में दूध बेचने वाले किसानों को हर हफ्ते या दो हफ्ते में भुगतान किया जाता है, लेकिन अब माइक्रो एटीएम केंद्र शुरू होने से किसान कभी भी नकदी निकाल सकेंगे.
आधार कार्ड आधारित भुगतान केंद्र में फिंगर स्कैनर वाली इलेक्ट्रॉनिक डेटा कैप्चर (EDC) मशीन से किसान नकदी निकाल सकेंगे.
– माइक्रो ATM सर्विस मिलने से किसानो को अतिरिक्त अमाउंट उनके बैंक अकाउंट में जमा करवाने का विकल्प मिलेगा. जितनी जरूरत होगी उतना अमाउंट गांव के माइक्रो एटीएम केंद्र से केवल आधार कार्ड दिखा कर मिल जाएगा.
– दूरवर्ती गांव में डिजिटल बैंकिंग टेकनोलॉजी पहुंचने से गांव के लोगों को बैंकिंग सिस्टम के साथ जुड़ने का मौका मिलेगा.
– किसानों को बैंक या एटीएम ढूंढने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
– किसानों के साथ होने वाली वित्तीय लेन-देन में पारदर्शिता आएगी.
– व्यक्ति की साख पात्रता (credit worthiness) बढ़ेगी, जिसके कारण लोन लेने में आसानी होगी.
– डेयरी किसानों में सेविंग की आदत विकसित होगी.
राजकोट जिला सहकारी दूध उत्पादक संघ लिमिटेड के तहत गोपाल डेयरी से संबद्ध आनंदपार ग्राम डेयरी सहकारी समिति प्रतिदिन लगभग 2,000 लीटर दूध खरीदती है.
ये सोसायटी गोपाल डेयरी (राजकोट डिस्ट्रिक्ट कोओपरेटिव मिल्क प्रोड्यूसर्स युनियन लि.) का हिस्सा है और गोपाल डेयरी गुजरात की ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (GCMMF) की मेम्बर यूनियन है.
अमूल 18,600 गांव के 36 लाख से भी ज्यादा डेयरी किसानो से दूध खरीदता है. GCMMF भारत की सबसे बड़ी सहकारी डेयरी है और सालाना टर्नओवर 52,000 करोड़ रुपये से ज्यादा है.
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