Loan EMI Default: जब आप लोन लेते हैं, तो लीगल डॉक्यूमेंट साइन करते हैं. जिसपर लिखी शर्तों के अनुसार लोन चुकाने पर आप सहमती जताते हैं. कई बार अचानक हुई घटनाओं की वजह से आपकी आर्थिक स्थिती प्रभावित हो सकती है. जैसे अचानक नौकरी चले जाना या स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या. इस तरह की घटनाएं आपकी आर्थिक स्थिती कमजोर कर सकती हैं जिस वजह से आप अपने लोन की किस्त या क्रेडिट कार्ड का पेमेंट समय पर ना कर पाएं.
पेमेंट ना होने पर आपके लोन या क्रेडिट कार्ड पर डिफॉल्ट हो सकते हैं, इसके क्या परिणाम हो सकते हैं ये आपके लिए समझना बहुत जरूरी है.
अगर EMI की किस्त या क्रेडिट कार्ड का पेमेंट समय पर नहीं किया तो इसका आप पर कुछ असर जरूर होगा. ये इस पर निर्भर करेगा की आपने किस तरह का लोन लिया है और भुगतान ना करने की समय सीमा क्या है. लेकिन EMI समय पर ना भरने पर एक बात जो तय है वो है आपकी क्रेडिट हिस्ट्री खराब हो जाएगी.
EMI समय पर ना भरने (Loan EMI Default) का पहला असर है आपके क्रेडिट रिकॉर्ड पर इस तरह के डिफॉल्ट का दर्ज होना. जब आपको लोन देने वाला, क्रेडिट ब्यूरो को इस तरह की चूक की रिपोर्ट करता है, तो इसका आपके क्रेडिट स्कोर पर खराब प्रभाव पड़ता है. जिसके चलते भविष्य में आपको दूसरे लोन लेने में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. आपके गारंटर/को-क्रेडिट एप्लीकेंट की प्रोफाइइल भी प्रभावित होती है.
यदि आपने किसी को अपने क्रेडिट एप्लीकेशन पर गारंटर या को-एप्लीकेंट बनाया है, तो उनका क्रेडिट स्कोर भी आपके द्वारा समय पर भुगतान ना करने की वजह से प्रभावित होगा. उन्हें लोन की अदायगी की मांग करने वाले कॉल भी जाएंगे, क्योंकि उन्होंने भी आपका गारंटर या को-क्रेडिट एप्लीकेंट बनकर लोन समय पर भरने की जिम्मेदारी ली है.
कार लोन या गिरवी जैसे सिक्योर्ड लोन की स्थिति में, लोन डिफॉल्ट के परिणामस्वरूप लोन देने वाला संपत्ति पर कब्जा या दावा कर सकता है. यह आमतौर पर बहुत ही एक्सट्रीम मामलों में देखा जाता है. क्योंकि क्लेम प्रोसीजर अलग-अलग लेंडर्स के लिए अलग होता है.
हालांकि किसी महीने लोन ना भरना आपको उस महीने के लिए राहत दे सकता है. लेकिन अगले महीने ये रकम जुड़कर आपका तनाव और बढ़ा सकती है. साथ ही लोन EMI पर लगा इंटरेस्ट और लेट फीस आपकी लोन की रकम को और बढ़ाती रहेगी.
यदि आप देखते हैं कि आपकी फाइनेंशियल कंडीशन इस हद तक बिगड़ रही है कि आपकी लोन ईएमआई (EMI) बकाया रह सकती है, तो स्थिति बिगड़ने से पहले अपने लेंडर से संपर्क करना समझदारी होगी. उन्हें पहले से इसकी जानकारी देना आपकी जवाबदेही दिखाएगा. आप उनसे कुछ अतिरिक्त समय सीमा देने के लिए कह सकते हैं.
लेंडर्स आपको लोन रीस्ट्रक्चरिंग प्रोग्राम, ईएमआई होलीडे प्रोग्राम और टेन्योर एक्सटेंशन प्रोग्राम प्रोवाइड कर सकते हैं जिसके चलते अन्य चीजों के साथ आपकी ईएमआई कम हो सकती है. यह हर लेंडर के लिए अलग-अलग होगी, और इसे देते हुए लेंडर के साथ आपकी क्रेडिट हिस्ट्री पर भी विचार किया जाता है.
कुछ एम्पलॉयर्स के पास टीम के सदस्यों की सहायता के लिए फाइनेंशियल हार्डशिप प्रोग्राम होता है. यदि आप अभी भी किसी कंपनी में काम कर रहे हैं और इस प्रोग्राम के बारे में ज्यादा नहीं जानते, तो अपनी कंपनी के ह्यूमन रिसोर्स डिपार्टमेंट में जाकर इस प्रोग्राम के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.
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