अब आने वाले फेस्टिवल सीजन के दौरान लोगों को आसानी से घर बैठे लोन (Loan) मिलेगा. सरकार निजी खपत और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए कुछ कदम उठाने जा रही है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बीते दिनों घोषणा की थी कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक त्योहारी सीजन के दौरान लोन (Loan) मेला आयोजित करेंगे. सरकार के इस कदम का उद्देश्य त्योहारी सीजन के दौरान रिटेल कर्जदारों और छोटे कारोबारियों के बीच लोन को बढ़ावा देना है.
सितंबर 2019 में, सीथरामन ने लोन देने वाली संस्थाओं को ग्राहकों तक पहुंचने और त्योहारी सीजन के दौरान उधार देने की इच्छा दिखाने के लिए कहा था. इसके लिए लोन उपलब्ध कराने को 250 जिलों में लोन मेलों का आयोजन किया गया था. धीमी मांग के बावजूद सरकार ने कर्ज देने के कार्यक्रम को वापस लाने का फैसला किया है. देश में कोविड महामारी से हुए नुकसान के बाद, सरकार आर्थिक सुधार में तेजी लाने के लिए बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर खर्च बढ़ा रही है.
25 अगस्त को, सीतारमण ने कहा था कि सरकार ने प्रोत्साहन की गति को बनाए रखने के लिए बैंकों से उन लोगों को लोन (Loan) देने के लिए कहा है जो उधार लेना चाहते हैं. वित्त मंत्रालय ने कहा कि पिछले दौर में पीएसबी ने नवंबर में गैर-बैंक ऋणदाताओं, बड़े और छोटे व्यवसायों के साथ-साथ किसानों को 2.39 ट्रिलियन रुपये के लोन और अक्टूबर में 2.52 ट्रिलियन रुपये के कुल 4.91 ट्रिलियन रुपये के लोन वितरित किए.
सीतारमण के मुताबिक, देश के हर जिले में क्रेडिट आउटरीच अक्टूबर 2021 में फिर से शुरू होने की उम्मीद है. उन्होंने बताया कि वह विशेष रूप से छोटे और मध्यम व्यवसायों की लोन जरूरतों के बारे में बात कर रहे थे. बैंकों ने पहुंच बनाने में तेजी दिखाई है. सरकार ने बैंकों से कहा है कि अक्टूबर से क्रेडिट आउटरीच के साथ आगे बढ़ें.
बैंकरों ने मांग में कमी देखी है और मजबूत क्रेडिट अंडरराइटिंग विश्लेषकों का मानना है कि यह उसी का मिश्रण है और बैंकों की उधार देने की अनिच्छा है. हालांकि, बैंकों को उम्मीद है कि आर्थिक गतिविधियों के फिर से शुरू होने पर लोन की मांग में तेजी आएगी. वित्त मंत्री ने कहा कि उन्होंने बैंकों से सूर्योदय क्षेत्रों की लोन जरूरतों पर भी गौर करने को कहा है.
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