क्या आप भी लोन लेकर घर खरीदना चाहते हैं? क्या आप जानते हैं कि आपकी मासिक आमदनी और पहले से चुकाए जा रहे लोन की किस्त के हिसाब से ही आपके होम लोन की रकम की गणना की जाती है. वास्तव में आपकी हर महीने की आमदनी के हिसाब से आपकी री-पेमेंट कैपिसिटी तय की जाती है और उसके हिसाब से आपको लोन देने का फैसला किया जाता है. इसके साथ ही कई अन्य कारक भी आपके होम लोन की रकम तय करने में काम आते हैं, इनमें आपकी उम्र, वित्तीय स्थिति, क्रेडिट हिस्ट्री, क्रेडिट स्कोर और अन्य वित्तीय देनदारी शामिल हैं.
होम लोन पात्रता के लिए 5 बिंदु प्रमुख होते हैं
1. एक व्यक्ति को उसकी प्रति माह की सकल आय का 60 गुना लोन मिल सकता है.
2. अगर व्यक्ति ने कोई अन्य लोन या ईएमआई ले रखी है जो अभी चालू है तो लोन देने वाला बैंक उसे भी ध्यान में रखता है, साथ ही कुल कटौती के बाद शेष बचत भी विचाराधीन होती है.
3. अगर किसी व्यक्ति का क्रेडिट स्कोर बुरा रहा है या उसके द्वारा किए गए भुगतान में चूक रही है तो बैंक लोन देने में मनाही कर सकता है.
4. व्यक्ति, लंबी अवधि के लिए लोन लेना चुनकर, लोन हेतु पात्रता को बढ़ा सकता है.
5. कार्यरत वेतनभोगी व्यक्ति या निजी व्यवसाय करने वाले व्यक्ति के लिए लोन लेने की पात्रता अलग-अलग होती है.
कैसे मापा जाता है एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया?
होम लोन के लिए एलिजिबिलिटी देखनी है तो, ये कई फैक्टर को शामिल करती है. यानी सैलरीड एम्प्लॉई की उम्र 23-62 साल और सेल्फ एम्प्लॉयड की उम्र 25-70 होनी चाहिए.
होम लोन के CIBIL स्कोर 750 होना चाहिए. अगर सैलरीड हैं तो 3 साल का अनुभव होना चाहिए और अगर बिजनेस कम्युनिटी से हैं तो 5 साल एक्सपीरियंस चाहिए.
बता दें कि सैलरीड कर्मचारी 3.5 करोड़ रुपये तक का होम लोन ले सकता है, जबकि व्यापारी 5 करोड़ रुपये तक का लोन ले सकता है.
25000 रुपये की सैलरी पर कितना होम लोन?
आपकी इन-हैंड सैलरी पर होम लोन की राशि निर्भर करती है. आपकी इनकम से तय किया जाता है कि आपको कितना लोन (Loan depends on Your Income) देना है. लोन देने वाली कंपनी आपकी टेक होम सैलरी को ही आधार मानती है और इसमें से ग्रेच्यूटी, पीएफ, ईएसआई को घटा दिया जाता है.
नेट मंथली इनकम (रुपये) होम लोन अमाउंट (रुपये)
25,000 18,64,338
30,000 22,37,206
40,000 29,82,941
50,000 37,28,676
70,000 52,20,146
होम लोन एलिजिबिलिटी कैसे बढ़ाएं
परिवार के किसी कमाने वाले अन्य सदस्य को को-एप्लीकेंट के रूप में जोड़कर स्ट्रक्चर्ड रीपेमेंट प्लान का लाभ लेकर आमदनी का स्थाई माध्यम, नियमित बचत और निवेश सुनिश्चित करके अपनी नियमित अतिरिक्त इनकम का विवरण देकर आपकी वेरिएबल सैलरी के विवरण का रिकॉर्ड रखकर अपने क्रेडिट स्कोर को सुधारने के लिए कार्रवाई करके कम अवधि वाले लोन का रीपेमेंट करके
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