Inoperative Account: मौजूदा वक्त में हर किसी के पास कई बैंक अकाउंट्स का होना आम बात है. ऐसे में सभी खातों का संचालन आसान नहीं हो पाता है. लंबे समय तक खाते में किसी प्रकार का ट्रांजैक्शन न होने पर निष्क्रिय (Inoperative Account) हो जाता है. ऐसे में मान लिया जाता है कि यह अब किसी काम का नहीं रहा है, लेकिन ऐसा नहीं है.
आपका बंद पड़ा खाता भी आपको कमाई करा सकता है. निष्क्रिय खाते पर ब्याज मिलना बंद नहीं होता है. इससे निकालकर आप अपना काम चला सकते हैं.
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के अनुसार, जिन बैंक खातों में दो वर्ष से अधिक समय से कोई परिचालन नहीं हुआ है तो ऐसे खाते निष्क्रिय मान लिए जाते हैं. यह नियम बचत और चालू, दोनों तरह के खातों पर लागू होता है.
अगर आपके एक से ज्यादा बैंक खाते हैं, तो उन्हें एक्टिव रखने के लिए हमेशा थोड़ा-बहुत लेनेदेन करते रहें. नेट बैंकिंग के समय में अपने खाते को बड़ी आसानी से एक्टिव मोड में रखा जा सकता है.
कैनरा बैंक पूसा दिल्ली के शाखा प्रबंधक अभिनीत कुमार कहते हैं कि RBI के नियमानुसार खाते को दोबारा एक्टिव कराने के लिए किसी प्रकार का शुल्क नहीं लगता है. अगर ग्राहकों को किसी बैंक खाते में कोई लेनदेन न करना हो तो वह इसे समय रहते बंद करा दें. ऐसा न करने पर फ्रॉड होने की आशंका ज्यादा होती है.
वे कहते हैं कि निष्क्रिय खाते में भी नियमित रूप से ब्याज जुड़ता रहता है. जब से आपका खाता बंद पड़ा है तब से लेकर आज तक उसमें कुछ न कुछ ब्याज जरूर जुड़ा होगा.
अगर खाते में एक साल तक कोई लेनदेन नहीं होता तो बैंक खाताधारक को संपर्क करने की कोशिश करता है. संपर्क करने पर अगर कोई जवाब नहीं मिलता है तो बैंक खाताधारक को दो से तीन महीने तक संपर्क करने की कोशिश करता रहेगा.
जवाब न मिलने पर खाते को दो वर्ष तक इनएक्टिव कर दिया जाएगा. दो वर्ष तक कोई वैध लेनदेन न होने पर खाता इनऑपरेटिव घोषित कर दिया जाता है.
बैंक इनएक्टिव या इनऑपरेटिव खाते से एटीएम, इंटरनेट बैंकिंग, फोन बैंकिंग और अन्य सेवाएं बंद कर सकते हैं. साथ ही एकाउंट का स्टेटस कुछ भी हो, खाते में नियमित रूप से ब्याज क्रेडिट किया जाता रहेगा.
इनऑपरेटिव खाते को ऑपरेटिव खाता 24 घंटों में कर दिया जाता है. एक्टिव करवाने के लिए ब्रांच मैनेजर के नाम से आवेदन करें.
इसमें खाते का इनऑपरेटिव होने का कारण बताएं और अकाउंट को एक्टिव करने के कारण स्पष्ट करें.
साथ ही पहचान प्रमाण, पासबुक या बैंक की चेक बुक जमा करें. नो योर कस्टमर की औपचारिकता के बाद बैंक ग्राहक के एकाउंट को एक्टिव मोड में 24 घंटों के भीतर रख देता है. अकाउंट के एक्टिव होने पर लेनदेन शुरू कर दें.
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