भारतीय रुपये में जमा आय को क्रिप्टो करेंसी 'टीथर' में बदल दिया और फिर इसे केमैन आइलैंड में पंजीकृत एक क्रिप्टो वॉलेट सेवा 'बिनेंस वॉलेट्स' में बदल दिया था
इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) की मैनेजिंग डायरेक्टर क्रिस्टालीना जॉर्जीवा (Kristalina Georgieva) ने अपने हाल ही में दिए गए एक बयान में कहा कि दुनिया के आधे से ज्यादा सेंट्रल बैंक अपनी डिजिटल करेंसी एक्सप्लोर कर रहे हैं. Bocconi University की एक वर्चुअल कॉन्फ्रेंस के दौरान क्रिस्टलीना ने कहा कि IMF सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी या CBDC को मैक्रो इकनॉमिक स्टेबिलिटी के नजरिए से देखता है.
उन्होंने आगे कहा कि बीते कुछ समय में टेक्नोलॉजी का विकास बहुत तेजी से हुआ है और इससे लोगों को ‘सीमलेस एंड लेस कॉस्टली’ यानी निरंतर और कम खर्चीले ट्रांजैक्शन का विकल्प मिलता है. लोग ट्रांजैक्शन के लिए अब टेक्नोलॉजी का यूज करने लगे हैं. क्रिस्टलीना ने कहा कि CBDC सबसे भरोसेमंद डिजिटल करेंसी है क्योंकि ये रेग्युलेटरी कम्प्लायंट (regulatory compliant) होते हैं. डिजिटल करेंसी को लेकर दुनियाभर के देशों में दिलचस्पी बढ़ रही है. यही एक कारण है कि कई देश अपनी डिजिटल करेंसी मार्केट में उतारने जा रहे हैं.
110 देशों की नजर CBDC पर
इस वर्चुअल कॉन्फ्रेंस के दौरान क्रिस्टलीना ने बताया कि IMF के एक सर्वे में पता चला है कि करीब 110 देशों के सेंट्रल बैंकों की निगाह CBDC (Central Bank Digital Currency) पर है और वे डिजिटल करेंसी के क्षेत्र में दिलचस्पी ले रहे हैं.
क्या है CBDC ?
CBDC एक प्रकर की डिजिटल करेंसी है जिसे किसी देश का सेंट्रल बैंक जारी करता है और जैसा कि नाम से जाहिर है यह करेंसी डिजिटल रूप में होती है.यानी कि इसे दूसरी मुद्राओं की तरह छुआ नहीं जा सकता है क्योंकि इनका कोई फिजिकल फॉर्म नहीं होता. इसे ब्लॉकचेन के जरिए मेंटेन किया जाता है जो एक प्रकार का डिजिटल लेजर है.भारत में RBI चरणबद्ध तरीके से CBDC यानी सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी लॉन्च करने की तैयारी कर रही है. माना जा रहा है कि इस साल के अंत तक इसे लॉन्च किया जा सकता है.