अगर आपका भी अकाउंट कई बैंकों (Bank) में है तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है. ऐसा नहीं करने पर आपका पैसा फंस सकता है. वहीं, आपको ट्रांजैक्शन में समस्या हो सकती है. इससे आपके खाते में जमा पैसा भी फंस सकता है. बैंक में खुले खाते को एक्टिव रखना जरूरी है. अगर आप ट्रांजैक्शन नहीं करेंगे तो बैंक (Bank) आपके खाते को इनएक्टिव कर देगा. इससे समस्या हो सकती है. अगर आपका खाता इनएक्टिव हो गया है तो उसे आप आसानी से एक्टिव भी करा सकते हैं. यहां हम आपको बैंक खाते से संबंधित कई जरूरी बातें बताने जा रहे हैं.
आपके कितने भी बैंक (Bank) अकाउंट हों और उनमें नियमित रूप से कोई ना कोई ट्रांजेक्शन करते रहना चाहिए. वहीं, अगर कोई खाता आपके बिल्कुल काम नहीं आ रहा है तो बैंक में जाकर इसे बंद करवा दें और बैंक अकाउंट में नॉमिनी की जानकारी जरूर अपडेट रखें.
बैंक इन खातों को कर देता है इनएक्टिव
RBI के दिशा निर्देशों के मुताबिक, अगर एक सेविंग या करंट अकाउंट में दो साल तक कोई भी लेन-देन नहीं किया जाता है तो उसे ‘इनऑपरेटिव’ अकाउंट की कैटेगरी में डाल दिया जाता है.
अगर ऐसा 10 साल तक रह जाता है यानी मान लीजिए इनऑपरेटिव अकाउंट में भी 10 साल तक कोई ट्रांजेक्शन नहीं किया जाए तो उसमें जमा पैसे और उसके ब्याज को Education and Awareness Fund में ट्रांसफर कर दिया जाता है. हालांकि, बैंक ऐसा करने से पहले ग्राहक को इसकी सूचना देता भी देता है. हालांकि, कई बार ऐसा होता है कि वो कई कारणों की वजह से संपर्क नहीं कर पाते हैं.
इस तरह वापस ले सकते हैं रुपये
अगर आपके साथ ऐसा है तो बैंक से इस पैसे को लौटाने या अकाउंट चालू करने की अर्जी दे सकते हैं. इसके लिए आपको बैंक ब्रांच में संपर्क करना होगा और उससे जुड़ा फॉर्म भरना होगा और अपने केवाईसी डॉक्यूमेंट बैंक में जमा करने होंगे.
इसके बाद बैंक इस पैसे की वसूली के लिए आरबीआई से संपर्क करेगा और हो सकता है कि आपको पैसा वापस मिल सकता है. मगर आपका अकाउंट एनएक्टिव हुआ ही है तो आप बैंक में जाकर इसे एक्टिव करवा सकते हैं.