आमतौर पर लोग अपने बैंक डॉक्यूमेंट, प्रॉपर्टी, इंश्योरेंस पॉलिसी, फिक्स्ड डिपॉजिट, नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट, म्युचुअल फंड आदि से जुड़े सभी डॉक्युमेंट्स संभालकर रखते हैं. यदि इनमें से कोई भी पेपर खो जाए तो नई परेशानी पैदा हो जाती है. इन्हें किस तरह दोबारा हासिल किया जा सकता है, इसको लेकर अक्सर लोग काफी परेशान रहते हैं. हम आपको यहां बता रहे हैं कि यदि आपके दस्तावेज खो जाते हैं तो आप इन्हें दोबारा कैसे बनवा सकते हैं.
बैंक पासबुक खो जाने या गुम हो जाने पर डुप्लीकेट पासबुक के लिए सबसे पहले बैंक को सूचित किया जाता है. डुप्लीकेट पासबुक के लिए बैंक में आवेदन दें. आवेदन का एक तय फारमेट होता है, जिसमें आपको अपने खाता और पर्सनल जानकारी देनी होती है. डुप्लीकेट पासबुक जारी करने में कई बैंक मामूली शुल्क भी लेते हैं तो कई बैंक बिना शुल्क लिए ही डुप्लीककेट पासबुक दोबारा इश्यू कर देते हैं. वहीं, कई सरकारी बैंक डुप्लीकेट पासबुक इश्यू करने के लिए एफआईआर की कॉपी भी मांगते हैं.
इंश्योरेंस पॉलिसी के डुप्लीकेट डॉक्यूमेंट्स के लिए संबंधित कंपनी में आवेदन करें. कंपनी डुप्लीकेट डॉक्यूमेंट्स इश्यू करने से पहले गैर अदालती स्टैम्प पेपर पर आपसे आपकी जानकारी मांगती है. आवेदन पत्र भरते समय आपको अपनी पॉलिसी नंबर, पॉलिसी जारी करने का स्थान, दिनांक आदि जैसी जानकारियां भी देनी होती हैं. इसके बाद बीमा कंपनी इन दस्तावेजों के आधार पर डुप्लीकेट पेपर जारी कर देती है.
नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (एनएससी) के पेपर गुम हो जाने पर डुप्लीकेट पेपर पाने की प्रक्रिया थोड़ी जटिल है. सबसे पहले आपको एक शिकायत पुलिस थाने में देनी होगी. इसके बाद स्टांप पेपर पर एक बांड बनना होगा जिसमें पेपर खोने की पूरी जानकारी भरनी होगी. एक हिन्दी और एक अंग्रेजी पेपर में एनएससी पेपर गुम होने का विज्ञापन देना होगा. फिर एक गारंटर को प्रस्तुत करना होगा, जो आपको जानता है. इन सभी प्रक्रियाओं को अपनाने के बाद एनएससी का डुप्लीकेट आपको मिल जाएंगे.
म्यूचुअल फंड में निवेश से संबंधित डुप्लीकेट दस्तावेजों के लिए एसेट मैनेजमेंट कंपनी को आवेदन करें, जिसके बाद वह कंपनी आपसे बैंक डिटेल, निजी जानकारी और निवेश खाता नंबर की मांग करेगी. साथ ही इसके लिए पैन कार्ड की एक कॉपी भी जमा कराएं. फिर एसेट मैनेजमेंट कंपनी डुप्लीकेट दस्तावेद आपको उपलब्ध करवा देगी. कंपनी इन दस्तावेज की एक कॉपी आपके रजिस्टर्ड ईमेल पर भी भेजेगी.
प्रॉपर्टी के दस्तावेज बेहद अहम होते हैं. अगर प्रॉपर्टी के दस्तावेज गुम हो जाए तो सबसे पहले पुलिस के पास शिकायत दर्ज कराएं. इसके बाद दो नेशनल अखबारों में विज्ञापन दें. इसके बाद आप एफआईआर की कॉपी, अखबार में दिए हुए विज्ञापन की कटिंग को सब-रजिस्ट्रार ऑफिस में जमा कराएं. सब-रजिस्ट्रार ऑफिस में जाने के बाद आपको प्रॉपर्टी के डुप्लीकेट पेपर की एवज में लगने वाली फीस भरनी होगी. रजिस्ट्रार ऑफिस में कागजी प्रक्रिया पूरी होने के बाद प्रॉपर्टी के डॉक्युमेंट की डुप्लीकेट कॉपी आपको जारी कर दी जाएगी.
अपने जरूरी दस्तावेजों को सुरक्षित रखने के लिए आप इन्हें इलेक्ट्रॉनिक फॉरमेट में रख सकते हैं. अधिकांश सर्विस प्रोवाइडर कंपनियां निवेश के दस्तावेजों को इस फॉर्मेट में रखने की सुविधा भी देती हैं. इसके और भी कई फायदे हैं. जैसे एड्रेस बदलना, बैंक अकाउंट बदलना या नॉमिनी का नाम आप सीधे बदल सकते हैं. ऐसा करने से एड्रेस बदलना, बैंक अकाउंट बदलना या नॉमिनी का नाम बदलने जैसे काम आप ऑनलाइन ही कर सकते हैं. साथ ही अगर आपके पास हार्ड कॉपी है, तो उसे स्कैन कर के आप अपने ईमेल पर भी सुरक्षित रख सकते हैं.
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