गोल्ड लोन को ऑनलाइन तरीके से लेना बेहद आसान हो चुका है. खासतौर पर फिनटेक फर्मों के आने से बैंक तक गहने पहुंचाने का झंझट भी खत्म हुआ है. स्मार्टफोन चलाते हुए घर पर रिलेशनशिप मैनेजर को बुलाया जा सकता है. वे आपको तमाम स्कीम और कर्ज लिए जाने की प्रक्रिया समझा देंगे. गोल्ड-टेक फर्में अपनी ओर से सुनिश्चित करती हैं कि एसेट को सुरक्षित तरीके से मैनेज करने के लिए तकनीकी जांच-पड़ताल की जाए.
ग्राहक ऐप के जरिए कर्ज का ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. लोन मैनेजर उनके घर आकर जांच-पड़ताल करेंगे. गोल्ड की शुद्धता की परख की जाएगी. जांच करने के बाद कर्ज की राशि अकाउंट में ट्रांसफर कर दी जाएगी. यह सब आधे से एक घंटे के बीच में हो सकता है.
घर आने वाले रिलेशनशिप मैनेजर सुनिश्चित करते हैं कि पैसे को सुरक्षित और भरोसेमंद तरीके से भेजा जाए. इस प्रक्रिया में पहले एजेंट की पहचान का वेरिफिकेशन होता है. फिर e-KYC करा जाता है. कर्ज से जुड़े समझौते पर ऑनलाइन हस्ताक्षर कर के लोन ट्रांसफर कर दिया जाता है.
एक अहम हिस्सा यह भी होता है कि ग्राहक की संपत्तियों को सुरक्षित तरीके से ब्रांच तक पहुंचाया जाए. सोने के जेवरों को अच्छे से पैक कर के सीलबंद पैकटों में ही डालकर ले जाया जाता है, ताकि लोन मैनेजर किसी भी तरह से उसे नुकसान न पहुंचा सके.
सीलबंद पैकटों पर सीरियल नंबर लिखे होते हैं और ट्रांजैक्शन के दौरान इसे दर्ज किया जाता है. इसे सिर्फ और सिर्फ कर्जदाता ही खोल सकता है, एजेंट नहीं. ब्रांच पर पैकेट पहुंचने के बाद उसकी फिर से अच्छे से जांच की जाती है.
कर्ज मिलने के बाद ग्राहकों के पास उसका ऑनलाइन भुगतान करने का विकल्प तो होता ही है. आगे उसमें टॉप-अप भी कराना हो, तो वह भी डिजिटल तरीके से हो सकता है.
फिर ज्यादातर फिनटेक कंपनियां कम ब्याज दर पर कर्ज देती हैं. ग्राहक की सुविधा के हिसाब से रीपेमेंट और प्रीमेंट की स्कीम भी पेश करती हैं. साथ ही कम राशि के कर्ज पाने की कोशिश कर रहे ग्राहकों को भी सुविधा देती हैं. छोटे साइज का लोन चाहने वालों को बैंकों से उतनी आसानी से कर्ज नहीं मिल पाता है.
किसी तरह की दिक्कत होने पर ग्राहक कस्टमर केयर से संपर्क कर सकते हैं. इसमें तय समय में समस्याओं का निवारण किया जाता है.
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