मोबाइल बिल पेमेंट, DTH, OTT प्लेटफॉर्म और क्रेडिट कार्ड या म्यूचुअल फंड (MF) के पेमेंट सिस्टम ऑटो-पे का विकल्प चुनते हैं. इसकी सुविधा सीधे आपके बैंक से जुड़ी होती है. कई कारणों के चलते कई बार यह समय पर काम नहीं कर पाती. इन सभी समस्याओं को दरकिनार करने के लिए नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने UPI चैनल के जरिए ऑटो-पे (autopay) सुविधा की शुरूआत की है. आप इसके जरिए अपने सभी पेमेंट UPI चैनल से कर सकते हैं. मनी9 आपको बता रहा है कि स्टेप-बाय-स्टेप कैसे इस सुविधा का लाभ उठाया जा सकता है.
बेसिक आइडिया
ग्राहक UPI ऐप्लीकेशन के जरिए मोबाइल फोन बिल, बिजली के बिल, यहां तक कि लोन की EMI, एंटरटेनमेंट और OTT सब्सक्रिप्शन, इंश्योरेंस, म्यूचुअल फंड और अन्य चीजों का भुगतान कर सकते हैं. यह सुविधा UPI 2.0 के नए फीचर के तहत मिलती है. अब ये सब काम आपको बैंक अकाउंट के जरिए करने की जरूरत नहीं है. UPI ID और अकाउंट हर महीने बिना एरर के कर देगा.
UPI 2.0 का फायदा
लोन, इंश्योरेंस, म्यूचुअल फंड आदि की EMI भी आप इसके जरिए दे सकते हैं. इन सबके भुगतान बिना किसी तारीख भूले और बिना रिमाइंडर लगाए UPI ऑटो-पे फीचर के तहत कर सकते हैं. इसके जरिए आप लेट फीस या पेनल्टी आदि से बच सकते हैं.
UPI की सुविधा के तहत हर ग्राहक प्रति माह, क्वार्टरली, अर्धवार्षिक आदि जैसे विभिन्न भुगतान मोड में से किसी एक को चुन सकता है. इसके लिए आवश्यक राशि दो हजार रुपये तक है. इसके जरिए आप आवर्ती भुगतान सुरक्षित और सुविधाजनक तरीके से किए जाते हैं.
कौन इस सुविधा का लाभ उठा सकता है?
कोई भी व्यक्ति UPI ID और ऐप के जरिए मिनट भर में इसका फायदा उठा सकता है. दरअसल, UPI अकाउंट आपके एक या कई खातों से जुड़ा होता है. वह सीधे बैंक अकाउंट से भुगतान करता है. इसके लिए आपको बैंकिंग इंटरफेस की जरूरत नहीं है, बल्कि UPI के जरिए आप ऐसा कर सकते हैं.
कैसे काम करता है UPI 2.0
किसी भी UPI-सक्षम एप्लिकेशन में ‘मैंडेट’ विकल्प उपलब्ध होता है. यह ग्राहकों को ऑटो-डेबिट मैंडेट करने, स्वीकृत करने, बदलने, रोकने या रद्द करने की मंजूरी देता है.
आपके खाते के ऑथेंटिकेशन के लिए इसमें एक बार UPI पिन कोड की जरूरत होती है. इसके बाद ऑटोमेटिक खाते से पैसे कटते रहेंगे. यदि आपकी मासिक राशि 2,000 रुपये से कम या उसके बराबर है तो बाद के मासिक भुगतान ऑटोमेटिक आपके खाते से डेबिट हो जाएंगे.
दो हजार रुपए तक की राशि तक के ऑटो भुगतान के लिए, आपको UPI-सक्षम बैंक ID या QR स्कैन का उपयोग करके ई-मैंडेट बनाना होगा. हर ट्रांजेक्शन के बाद UPI ऑथेंटिकेशन पिन की जरूरत होगी.
योग्य ऐप्स
भीम, पेटीएम और इंडसइंड बैंक जैसे ऐप UPI ऑटो-पे के लिए इस्तेमाल किए जा सकते हैं. NPCI के मुताबिक, इनके अलावा कोई और ऐप मान्य नहीं है.
योग्य एग्रीगेटर
लगभग आधा दर्जन पेमेंट एग्रीगेटर या प्लेटफॉर्म UPI ऑटो-पे मैंडेट के लिए मान्य हैं. आप इनमें से किसी भी एग्रीगेटर का उपयोग करके ऑटो-पे सुविधा को शुरू कर सकते हैं. ये प्लेटफॉर्म रेजरपे, पेटीएम, कैम्स पे, पेयू, बिल डेस्क, पेजी और डिजियो हैं.
कमर्शियल बैंक
करीब 28 बैंक UPI ऑटो-पे की सुविधा दे रहे हैं. अगर आपका अकाउंट इन 28 बैंकों में से किसी में है और आपके पास UPI आईडी है तो आप इस सुविधा का फायदा उठा सकते हैं.
इस लिस्ट में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), PNB, HDFC, ICICI बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB), एक्सिस बैंक, कैनरा बैंक, बैंक ऑफ इंडिया (BOI), इंडसइंड बैंक, IDFC फर्स्ट बैंक, यस बैंक, फेडरल बैंक, IDBI बैंक, HSBC, पंजाब और सिंध बैंक, करूर वैश्य बैंक और RBL बैंक शामिल हैं.
इनके अलावा तीन पेमेंट बैंक, पेटीएम पेमेंट्स बैंक, NSDL पेमेंट्स बैंक और जियो पेमेंट्स बैंक भी सूची में हैं. साथ ही स्मॉल फाइनेंस बैंक और को-ऑपरेटिव बैंक भी इस लिस्ट में हैं. इनमें उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक, नॉर्थ ईस्ट स्मॉल फाइनेंस बैंक, सूर्योदय स्मॉल फाइनेंस बैंक और शिवालिक स्मॉल फाइनेंस बैंक शामिल हैं. सारस्वत को-ऑपरेटिव बैंक और थाणे जनता सहकारी बैंक भी UPI ऑटो-पे लिस्ट में शामिल हैं.
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