देश के सबसे बड़े कर्जदाता HDFC लिमिटेड ने ‘ग्रीन एंड सस्टेनेबल’ डिपॉजिट प्रोग्राम लॉन्च किया है. HDFC और वर्ल्ड बैंक ग्रुप के मेंबर IFC मिलकर किफायती और लो-इनकम हाउसिंग के जरिए भारत में ग्रीन हाउसिंग को प्रमोट करेंगे. पर्यावरण को जलवायु परिवर्तन से बचाने के उद्देश्य से ग्रीन डिपॉजिट एक तरह का फिक्स्ड डिपॉजिट है.
HDFC लिमिटेड से पहले HSBC इंडिया भी कॉरपोरेट ग्राहकों के लिए 2020 में ग्रीन डिपॉजिट प्रोग्राम लॉन्च कर चुका है. आज के जागरूक कंज्यूमर को देखते हुए बैंकिंग कल्चर का भी ट्रेंड बदल रहा है. बैंक भी नेट जीरो एमिशन और ग्रीन डिपॉजिट की ओर बढ़ रहे हैं.
ग्रीन डिपॉजिट क्या हैं?
ग्रीन डिपॉजिट में कस्टमर्स को भी यह तय करने में शामिल किया जाता है कि उनके डिपॉजिट किए गए पैसे का इस्तेमाल कहां लोन देने में किया जाएगा.
HDFC ग्रीन और सस्टेनेबल हाउसिंग प्रोजेक्ट को फाइनेंशियली सपोर्ट करने के लिए रिटेल इन्वेस्टर्स से फंड जुटाने की योजना बना रहा है, जिसमें डेवलपर्स और घर खरीदारों को लोन शामिल हैं.
बैंक ने मार्च के अंत तक देश भर में सर्टिफाइड ग्रीन बिल्डिंग प्रोजेक्ट में 47,819 परिवारों को 19,665 करोड़ रुपये से अधिक का होम लोन पहले ही डिस्बर्स कर दिया था.
HDFC के ग्रीन डिपॉजिट, इन्वेस्टर्स को उनके सरप्लस कैश बैलेंस को इन्वेस्ट करके उनके सस्टेनेबल गोल को पूरा करने के लिए एक प्लेटफार्म ऑफर करेंगे.
HDFC का कहना है, ‘इन फिक्स्ड डिपॉजिट को ग्रीन और सस्टेनेबल हाउसिंग क्रेडिट सॉल्यूशन एंड सर्विसेज को फाइनेंस करने में किया जाएगा.’
इन्वेस्टर्स के लिए नया क्या है?
HDFC ने कहा कि एक इंडीविजुअल डिपॉजिट पर 6.55% की दर से ब्याज कमा सकता है, जिसकी अवधि 3-10 वर्ष तक हो सकती है.
आमतौर पर, HDFC सामान्य डिपॉजिट पर 6.65% ब्याज दर देता है. इसलिए, जो लोग “ग्रीन एंड सस्टेनेबल” डिपॉजिट का ऑप्शन चुनना चाहते हैं, उन्हें डिपॉजिट पर रिटर्न के मामले में 10 बेसिस प्वाइंट कम मिलेगा.
साथ ही, सीनियर सिटीजन 2 करोड़ रुपये तक के डिपॉजिट पर सालाना अतिरिक्त 0.25% के लिए एलिजिबल होंगे. इसके अलावा, 50 लाख रुपये तक के इन डिपॉजिट पर 0.1% प्रति वर्ष की अतिरिक्त ब्याज दर लागू होगी यदि डिपॉजिट कंपनी के ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से किया जाता है.
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