डिजिटाइजेशन के इस दौर में ऑनलाइन, ट्रांजेक्शन करने का एक माध्यम बन गया है. हालांकि, ऑनलाइन फ्रॉड (Digital Fraud) भी काफी बढ़ रहे हैं. FIS और विभिन्न मोबाइल वॉलेट कंपनियों की एक ज्वाइंट स्टडी से पता चला है कि जून 2020 और अप्रैल 2021 के बीच विभिन्न ऐज ग्रुप में फिशिंग रिलेटेड फ्रॉड सबसे कॉमन रहे हैं. स्टडी में कहा गया है कि मौजूदा दौर में वयस्क आबादी का लगभग 69% मोबाइल वॉलेट का उपयोग कर रहे हैं, जिनमें से 35% लोगों को 11 महीने की अवधि में फाइनेंशियल फ्रॉड (Digital Fraud) का सामना करना पड़ा.
कार्ड डिटेल कभी भी स्टोर न करें ज्यादातर लोग विभिन्न ई-कॉमर्स साइटों और प्लेटफार्मों पर लेनदेन में आसानी के लिए अपने डेबिट और क्रेडिट कार्ड की डिटेल सेव कर लेते हैं. हालांकि, एक्सपर्ट का कहना है कि इस आदत से सभी को बचना चाहिए. हमेशा अपनी कुकीज को रेग्युलरली क्लियर करने की कोशिश करें और अपने ब्राउजर में ‘ऑटो-फिल’ ऑप्शन को बंद कर दें और नए ट्रांजेक्शन के लिए हर बार डिटेल फिर से एंटर करें.
OTP, जिसे वन-टाइम पासवर्ड के रूप में भी जाना जाता है, नॉर्मल पासवर्ड के समान ही होते हैं. इसलिए अंजान लोगों के साथ OTP शेयर करने से आप अपना पैसा खो सकते हैं. इसी तरह, अनवेरीफाइड QR कोड को स्कैन करने का मतलब आपके पैसे का नुकसान भी हो सकता है. लगभग सभी बैंक और वेबसाइट अब OTP या QR कोड का इस्तेमाल कर रहे हैं. इसलिए OTP या QR कोड के माध्यम से भुगतान करते समय ज्यादा सावधान रहें. अपना OTP शेयर न करें या रेंडम QR कोड स्कैन न करें, और ये सुनिश्चित करें कि वो ऑथेंटिक हैं.
आपको ये जेनुइन मेल या एक ऑथेंटिक लिंक की तरह लग सकता है, लेकिन धोखेबाज ऐसे मेल भेजते हैं जो दिखने में वास्तविक लगें. इसे फिशिंग के तौर पर जाना जाता है. जेनुइन और फ्रॉड लिंक के बीच अंतर करना संभव नहीं है, इसलिए ऐसे किसी भी लिंक पर तब तक क्लिक न करना सबसे अच्छा तरीका है जब तक कि वो वेरिफाई न हो जाएं. किसी भी वेबपेज पर सेंसिटिव इंफॉर्मेशन एंटर करने से पहले हमेशा किसी भी URL के सबसे बाईं ओर एक छोटा ‘लॉक’ चिन्ह देखें.
इंडस्ट्री एक्सपर्ट का कहना है कि ऑफर, डिस्काउंट और प्रमोशन लोगों का बहुत अधिक ध्यान आकर्षित करते हैं और ज्यादातर लोग इन प्रमोशन मैसेज के माध्यम से ही धोखेबाजों के शिकार हो जाते हैं. इसलिए, धोखाधड़ी का शिकार होने से बचने का सबसे अच्छा तरीका इन प्रमोशनल ऑफर और अननोन न्यूजलेटर्स को अनसब्सक्राइब करना है. अपने मोबाइल फोन से कोई लिंक या प्रमोशनल ऑफर मैसेज न ओपन करें. डिजिटल फ्रॉड से सुरक्षित दूरी बनाए रखने के लिए अपने सब्सक्रिप्शन को महत्वपूर्ण जानकारी तक सीमित रखें और प्रमोशनल ऑफर अनसब्सक्राइब करें.
नए ऑप्शन टैप एंड पे से बचने की कोशिश करें. भले ही यह फेसिलिटी एक्सेस करने में आसान है, लेकिन यह आपको असुरक्षित बना सकती है. कार्ड गुम हो जाने या चोरी हो जाने पर भी परेशानी हो सकती है.
भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, भारत में ऑनलाइन फ्रॉड की वैल्यू 2018-19 में 71 करोड़ रुपये से बढ़कर 2019-20 में 195 करोड़ रुपये हो गई है. अंतर्राष्ट्रीय कंपनी ट्रांसयूनियन के एक हालिया सर्वे से पता चलता है कि जनवरी और अप्रैल 2021 के बीच चार महीने की अवधि में भारत से होने वाले ऑनलाइन डिजिटल फाइनेंशियल फ्रॉड के प्रयासों में पिछले चार महीनों सितंबर से दिसंबर 2020 की तुलना में लगभग 90% की वृद्धि हुई है. ग्लोबली देखें तो स्थिति और खराब है क्योंकि फाइनेंशियल फ्रॉड में 150% तक की वृद्धि हुई है.
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