सरकार ने नैशनल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड यानी बैड बैंक (Bad Bank) द्वारा जारी किए जाने वाली सिक्योरिटी रिसीट्स (Security Receipts) के लिए 30,600 करोड़ रुपये की गारंटी को मंजूरी दे दी है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने आज कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई.
उन्होंने साथ ही जानकारी दी, ”नेशनल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड के साथ-साथ हम इंडिया डेट रिजॉल्यूशन कंपनी लिमिटेड की भी स्थापना कर रहे हैं. NARCL में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSBs) की हिस्सेदारी 51 फीसद होगी. वहीं, पब्लिक फाइनेंशियल इंस्टीयुशन्स की हिस्सेदारी 49 फीसद होगी.”
Central Government guarantee of Rs.30,600 crore to back Security Receipts issued by NARCL for acquiring stressed loan assets was approved by Cabinet yesterday. The following FAQs explain various aspects regarding the same. Read more➡️ https://t.co/E3Y0MaKAXl pic.twitter.com/ONFRktvUEl
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) September 16, 2021
उन्होंने कहा, ”2018 में 21 पब्लिक सेक्टर बैंकों में से केवल दो लाभ हासिल करने की स्थिति में थे. लेकिन 2021 में केवल दो बैंकों ने घाटे की सूचना दी.”
वित्त मंत्री ने कहा कि कुछ मूल्यांकन के आधार पर NPAs के लिए बैंकों को 15 फीसद कैश भुगतान किया जाएगा, वहीं 85% के लिए प्रतिभूति रसीद दिए जाएंगे. प्रतिभूति रसीद के मूल्य को बनाए रखने के लिए केंद्रीय कैबिनेट ने 30,600 करोड़ रुपये की सरकारी गारंटी को मंजूरी दी है. अगर घाटा एक सीमा से ज्यादा होता है तो सरकारी गारंटी खत्म हो जाएगी.
उन्होंने कहा कि पिछले 6 वित्त वर्ष में बैंकों ने 501479 करोड़ रुपये रिकवर किए हैं. इसमें से 3.1 लाख करोड़ रुपये मार्च 2018 के बाद रिकवर किए गए हैं. 2018-19 में 1.2 लाख करोड रुपये 1.2 लाख करोड़ रुपये रिकवर किए गए. इनमें रिटर्न ऑफ मनी भी शामिल है. इस दौरान भूषण स्टील और एस्सार स्टील जैसी कंपनियों के बट्टे खाते में डाले गए ऋण को भी वसूल किया गया. उन्होंने कहा कि सरकारी गारंटी से बैंकों को अपनी एसेट्स को NARCL को बेचने में ज्यादा आत्मविश्वास आएगा. वित्त मंत्री ने 2021-22 के बजट भाषण में बैड बैंक स्थापित करने की घोषणा की थी. उन्होंने कहा था कि एक एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी और एसेट मैनेजमेंट कंपनी स्थापित की जाएगी जो दबावग्रस्त कर्ज को लेगी.
6 नए डीआरटी
उन्होंने कहा कि सरकार ने ऋण के तेजी से समाधान के लिए 6 नए डीआरटी (डेट रिकवरी ट्रिब्यूनल) गठित किए हैं. साथ ही इंडिया डेट रिजॉल्यूशन कंपनी लिमिटेड भी बनाई जा रही है. इसमें सरकारी बैंकों की 49 फीसदी हिस्सेदारी होगी और बाकी हिस्सा निजी बैंकों का होगा. रिजर्व बैंक एआरसी लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया में है. वित्त मंत्री ने कहा कि 2017-18 में सरकार ने बैंकों में 90 हजार करोड़ रुपये की पूंजी डाली थी. 2018-19 में यह राशि 1.06 लाख करोड़ रुपये थी. इसी तरह 2019-20 में 70 हजार करोड़ और 2020-21 में 20 हजार करोड़ रुपये बैंकों में डाले गए. इस वित्त वर्ष में भी 20 हजार करोड़ रुपये बैंकों में डालने की योजना है.
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