FD: रिटायरमेंट के बाद रेगुलर इनकम के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) में निवेश सबसे आसान और सुरक्षित तरीका है, लेकिन ऐसे समय में जब ब्याज दरें कई साल के निचले स्तर पर हैं, आपको इन्फ्लेशन और इसके टैक्स पहलू पर भी विचार करना चाहिए.
पॉजिटिव रियल रेट पर ध्यान दें
इन्फ्लेशन पिछले कुछ महीनों से लगभग 6 प्रतिशत प्रति वर्ष के आसपास झूल रहा है. इसलिए निवेश के लिए आपको ऐसा विकल्प चुनना होगा, जो आपको 6 प्रतिशत से ज्यादा का रिटर्न दे.
अच्छे रिटर्न के लिए आप अपने रिटायरमेंट फंड का एक बड़ा हिस्सा सीनियर सिटीजन फिक्स्ड डिपॉजिट और अन्य पोस्टल स्कीम में निवेश कर सकते हैं.
जबकि इसका कुछ हिस्सा इक्विटी या हाइब्रिड फंड में निवेश कर सकते हैं, ताकि आप एक अच्छा रिटर्न प्राप्त कर सकें.
जानिए टैक्स के नियम
आपके फिक्स्ड डिपॉजिट पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स लगता है. यदि आपका बैंक आपके सीनियर सिटीजन FD पर 50,000 रुपये से अधिक वार्षिक ब्याज राशि का अनुमान लगाता है, तो वो आपसे मिलने वाले इंटरेस्ट पर 10 प्रतिशत टीडीएस काटेगा.
अगर एक साल में आपकी कुल वार्षिक आय 5 लाख रुपये से कम है, तो आप टैक्स देने की कैटेगरी में नहीं आते हैं. टीडीएस कटौती से बचने के लिए आप साल की शुरुआत में फॉर्म एच जमा कर सकते हैं.
यदि टीडीएस पहले ही काटा जा चुका है, तो आपको उस पर रिफंड पाने के लिए आईटीआर (इनकम टैक्स रिटर्न) दाखिल करना चाहिए.
ये भी याद रखें
-अगर आपने पिछले दो साल से आईटीआर फाइल नहीं किया है, तो इस साल से दोगुना दर से टीडीएस काटा जाएगा.
-सीनियर सिटीजन एक वर्ष में 50,000 रुपये तक मिले इंटरेस्ट अमाउंट पर भी कर छूट की मांग कर सकते हैं. यदि उनकी सालाना इनकम 5 लाख रुपये से अधिक है, तो इंटरेस्ट अमाउंट पर स्लैब दर के अनुसार टैक्स लगाया जाएगा.