भारत में तेजी से डिजिटाइजेशन बढ़ रहा है, इससे ई-वॉलेट (E-Wallet) लेनदेन और थर्ड पार्टी पेमेंट में भी बढ़ोतरी हो रही है. कोरोना महामारी की वजह से भी लोग कैशलेस लेनदेन को महत्व दे रहे हैं. हालांकि, ऐसे लेनदेन के प्रति सावधान रहना भी बहुत जरूरी होता है. बहुत से फर्जी लोग, वित्तीय धोखाधड़ी में जुटे हुए हैं. सवाल उठता है कि ई-वॉलेट (E-Wallet) पर होने वाले फर्जीवाड़े का कैसे सामना किया जाए और यदि इससे आर्थिक नुकसान हुआ है तो उसे कैसे पुन:प्राप्त किया जाए?
इन सवालों के जवाब के लिए, कुछ महीने पहले रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने ई-वॉलेट के इस्तेमालकर्ता की सुरक्षा के लिए कुछ जरूरी दिशानिर्देश जारी किए हैं.
वैसे तो ई-वॉलेट लेनदेन के दौरान दोतरफा प्रमाणीकरण की प्रक्रिया अपनाई जाती है. पहले पासवर्ड पूछा जाता है और फिर अन टाइम पासवर्ड (OTP), फिर भी कभी-कभी सुरक्षा की दृष्टि से कुछ कमी रह जाती है. मसलन, यदि आप पब्लिक वाई-फाई का इस्तेमाल कर रहे हैं तो डाटा चोरी होने की संभावना बनी रहती है. नए दिशानिर्देश ई-वैलेट को ज्यादा सुरक्षित बनाते हैं.
किसी फर्जी लेनदेन की स्थिति में आपको तुरंत इसकी सूचना देनी चाहिए, ताकि आगे और फर्जीवाड़ा न हो सके. यदि आप तीन दिन के भीतर वैलेट कंपनी को इसकी सूचना दे देते हैं तो वह हुए नुकसान की भरपाई के लिए जरूरी कदम उठाती है.
नए दिशानिर्देशों के तहत, यदि आपने वॉलेट कंपनी को फर्जी लेनदेन की सूचना दे दी है तो प्रक्रिया पूरी होने के बाद आर्थिक नुकसान की भरपाई की जिम्मेदारी संबंधित कंपनी की होगी. कंपनी को 90 दिनों के भीतर मामले का निबटारा करना होगा.
अब यह अनिवार्य कर दिया गया है कि सभी मोबाइल वैलेट कंपनियां अपने ग्राहकों को एसएमएस अलर्ट, ईमेल और नोटिफिकेशन के लिए रजिस्टर करने के लिए प्रोत्साहित करेंगी. अलर्ट की सुविधा लेने पर आपको लेनदेन के तुरंत बाद अलर्ट प्राप्त होगा. जिससे आप फर्जी लेनदेन तुरंत पकड़ पाएंगे.
RBI के अनुसार, फर्जीवाड़े की सूचना को आसान करने के लिए कंपनी को आवश्यक रूप से हेल्पलाइन नंबर, वेबसाइट, एसएमएस और ईमेल पता शामिल करना होगा. इसके लिए उन्हें डायरेक्ट लिंक उपलब्ध कराना होगा, ताकि शिकायत की तत्काल सूचना दी जा सके. इसके साथ कंपनी को अपनी कार्यवाही की भी तुरंत जानकारी उपलब्ध कराना होगा, इसके लिए वह शिकायत क्रमांक भी बताएगी. हालांकि, आरबीआई ग्राहकों की सुरक्षा के लिए कई कदम उठा रहा है, किंतु आपको भी इन बातों का ख्याल रखना चाहिए-
– जैसे ही कोई फर्जीवाड़ा होता है, उसकी तुरंत सूचना दें. – कार्ड की जानकारियों को ऑटो-सेव न करें. – पब्लिक Wi-Fi नेटवर्क का इस्तेमाल करने से बचें. – अपने स्टेटमेंट हमेशा चेक करते रहें.
(Fakhari Sarjan, Chief Risk Officer at Bajaj Finance Ltd)
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