क्रेडिट कार्ड (Credit Card) कंपनियां नए ग्राहकों को कम लिमिट वाले कार्ड्स की मंजूरी देती हैं. उन्हीं ग्राहकों को ज्यादा क्रेडिट लिमिट कंपनियों द्वारा दी जाती हैं, जिनका खर्च और रि पेमेंट का रिकॉर्ड अच्छा और सिलसिलेवार होता है. इस दौरान, ग्राहक खुद ज्यादा क्रेडिट (Credit Card) लिमिट नहीं लेते हैं, क्योंकि वो किसी भी कर्ज के जाल में नहीं फंसना चाहते हैं. कमाई से ज्यादा खर्च के लिए ग्राहकों को लालच दिया जाता है, इसलिए ज्यादा क्रेडिट लिमिट कई फायदे और खतरे दोनों के साथ आती है.
बैंक बाजार के सीईओ आदिल शेट्टी के मुताबिक “क्रेडिट कार्ड की लिमिट ज्यादा होना आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है अगर आप विवेकपूर्ण तरीके से इसका इस्तेमाल करें. जो आपके क्रेडिट स्कोर को बेहतर बनाने में मददगार साबित हो सकता है.”
ध्यान रखें- आपके पास 50 हजार रुपए क्रेडिट लिमिट वाला कार्ड है तो आप हर महीने 25 हजार रुपए खर्च करते हैं. इसका मतलब है कि आप मौजूदा लिमिट के आधे का इस्तेमाल करते हैं. इसका मतलह हुआ कि आपका यूटिलाइजेशन अनुपात 50 फीसदी है. अगर आपका बैंक इस क्रेडिट लिमिट को 75 हजार रुपए कर देता है और आपका खर्च अभी भी 25 हजार रुपए महीने है तो आपका यूटिलाइजेशन अनुपात 33.33 फीसदी हो जाएगा.
उपरोक्त उदाहरण का हवाला देते हुए, शेट्टी ने कहा, “इसका मतलब है कि आप अपने पास मौजूद क्रेडिट लिमिट से बहुत कम खर्च कर रहे हैं, जिसका अर्थ है कि आप आर्थिक रूप से सुरक्षित हैं और डिफॉल्ट होने की संभावना कम है.”
उच्च क्रेडिट लिमिट आपको अत्यधिक फाइनेंशियल कमी या बेहद जरूरी वक्त में मदद कर सकती है. यह आपको एक अप्रत्याशित खर्च जैसे मेडिकल इमरजेंसी, आदि के लिए पैसों की व्यवस्था करने में मदद करेगा. क्रेडिट कार्ड होने का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह आपको लिक्विडिटी प्रदान करता है.
शेट्टी ने कहा कि “जब आप फाइनेंशियल इमरजेंसी का सामना करते हैं, तो हाई लिमिट वाला एक क्रेडिट आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है. किसी इमरजेंसी में परिवारस दोस्त या जानने वाले से उधार लेने की बजाए आप अपना कार्ड इस्तेमाल कर सकते हैं. ये आपको पैसों की किल्लत से बचाने में मददगार साबित होगा.”
इसके अलावा, अगर आप एक मुश्त रि-पेमेंट करने में असक्षम हैं तो आप आसान किश्तों में इस रकम को चुका सकते हैं. यहां तक कि, कुछ मर्चेंट और मैन्युफैक्चर्स क्रेडिट कार्ड कंपनियों से टाइ-अप करते हैं, ताकि ग्राहकों को आसान किश्तों और कम ब्याज पर चीजें मुहैया करा सकते हैं. इनमें नो-कॉस्ट ईएमआई जैसे विकल्प भी शामिल हैं. कुछ मर्चेंट क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करने वालों को अलग अलग डिस्काउंट और कैश बैक देते हैं.
शेट्टी ने कहा कि “कार्ड की जितनी ज्यादा क्रेडिट लिमिट होती है, उतने ही ज्यादा आपको रिवॉर्ड हासिल होंगे. बैंक अपने प्रीमियम कार्डहोल्डर्स को अतिरिक्त फायदा देते हैं. इसलिए, ज्यादा क्रेडिट कार्ड लिमिट, आपको ज्यादा रिवार्ड प्वाइंट्स देने में सक्षम होती हैं, जो आपको भविष्य में ज्यादा सेविंग्स का मौका देती हैं”.
इसके अलावा, बीते कुछ सालों में क्रेडिट कार्ड पर लोन काफी चर्चाओं में हैं. इस प्रकार, हाई क्रेडिट लिमिट होने से आप बड़ी लोन की रकम हासिल कर सकते हैं. ये लोन मूल रूप से प्री-अप्रूव्ड होते हैं. लेकिन केवल उन चुनिंदा क्रेडिट कार्ड धारकों के लिए पेश किए जाते हैं जो लगातार पहले भुगतान करते रहे हैं. लोन डिटेल्स अप्लाई करने के उसी दिन पूरा हो जाता है जो क्रेडिट कार्ड लोन को ग्राहकों के लिए एक आकर्षक शर्त बनाता है.
हालांकि, एक हाई क्रेडिट लिमिट चुनने का एकमात्र जोखिम अधिक खर्च करने और लोन-कर्ज के दलदल में फंसने की आदत है. पॉजिटिव साइड पर बात करें तो, आप विवेकपूर्ण उपयोग करने के लिए पर्याप्त स्मार्ट हैं, तो यह वास्तव में एक बेहतर कदम साबित हो सकता है.
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