कोविड-19 की दूसरी लहर से लगातार बिगड़ रहे हालात के बीच लोगों ने बैंकों में ज्यादा पैसे जमा करना शुरू कर दिया है. देश में कोविड के बढ़ते खतरे को देखते हुए लोगों को लॉकडाउन का डर है और इस वजह से वे अपने पैसे को कहीं खर्च करने की बजाय बचाने पर जोर दे रहे हैं.
देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने एक रिपोर्ट में कहा है कि इस साल मार्च-अप्रैल में पिछले साल के मुकाबले लोगों ने बैंकों में ज्यादा पैसा जमा कराया है.
2020 के मुकाबले इस साल मार्च और अप्रैल के दो महीने में आम लोगों की बैंकों में जमा कराई गई रकम 30 फीसदी बढ़कर 3.54 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई है. पिछले साल मार्च और अप्रैल में ये रकम 2.71 लाख करोड़ रुपये थी.
क्या कहते हैं आंकड़े?
मार्च-अप्रैल 2020 में पूरे देश में सेविंग्स और टर्म डिपॉजिट क्रमशः 1,24,750 करोड़ रुपये और 1,47,100 करोड़ रुपये थे. इन दोनों को मिलाकर ये रकम 2,71,850 करोड़ रुपये बैठती है.
इस साल मार्च और अप्रैल में ये आंकड़े बढ़कर सेविंग्स अकाउंट्स में 1,79,600 करोड़ रुपये और टर्म डिपॉजिट में 1,74,300 करोड़ रुपये पर पहुंच गए हैं. इस तरह से कुल मिलाकर ये रकम 3,53,900 करोड़ रुपये बैठती है. पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले यह 30 फीसदी ज्यादा है.
इस साल अप्रैल के महीने में SBI ने 15 अप्रैल तक के ही आंकड़े शामिल किए हैं और बाकी के 15 दिनों के लिए एक अनुमान लगाया है.
SBI के चीफ इकनॉमिस्ट एडवाइजर की इस रिपोर्ट में कहा गया है, “इस साल मार्च-अप्रैल में डिपॉजिट्स में भारी इजाफा देखा गया है. लोगों को डर है कि एक और लॉकडाउन लग सकता है और ऐसे में लोग सेविंग्स पर ज्यादा जोर दे रहे हैं. इसके अलावा, अगर लॉकडाउन लगाया जाता है तो लोगों के पास पैसे खर्च करने के लिए कोई विकल्प भी नहीं है.”
ब्याज दरों में गिरावट
सेविंग्स अकाउंट और टर्म डिपॉजिट्स दोनों पर ब्याज दरों में 31 मई 2020 को कटौती हुई है. ये कटौती 25 बीपीएस से 35 बीपीएस के बीच है. मौजूदा वक्त में तकरीबन सभी बैंक 1 लाख से कम डिपॉजिट पर सेविंग्स अकाउंट पर 2.7 फीसदी से 3.5 फीसदी ब्याज ऑफर कर रहे हैं.
1 लाख रुपये से ज्यादा के डिपॉजिट पर ब्याज दर 25 से 30 बीपीएस ज्यादा है. दूसरी ओर, किसी भी टर्म डिपॉजिट पर ब्याज दरें 3.5 फीसदी से लेकर 5.5 फीसदी के बीच हैं. हालांकि, इन दरों में भी मई 2020 को कटौती की गई है. इनमें डिपॉजिट की अवधि के हिसाब से यह कटौती 20 से 30 बीपीएस के बीच रही है.
पिछले साल मार्च अंत से पूरे देश में लॉकडाउन लगा दिया गया था.
इस साल भी अप्रैल के पहले पखवाड़े में कोविड के मामलों तेजी से इजाफा हुआ और इसके चलते देश के कई राज्यों में लॉकडाउन लगाने के उपाय करने पड़े हैं.
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