अगर आप Car Loan या Home Loan लेने की सोच रहे हैं, तो आपके लिए अच्छी खबर है. भारतीय रिज़र्व बैंक ने एक बार फिर प्रमुख ब्याज दरों को नहीं बढ़ाया है. आरबीआई ने रेपो रेट को यथावत रखने का फैसला लिया है. भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समीक्षा की बैठक के बाद बताया कि केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट (Repo Rate) को 4 फीसदी पर बरकरार रखा है. वहीं, रिवर्स रेपो रेट (Reverse Repo Rate) को 3.35 फीसदी पर यथावत रखा गया है.
केंद्रीय बैंक ने मौजूदा वित्त वर्ष 2021-22 के लिए देश की जीडीपी ग्रोथ (GDP Growth) के अनुमान को भी 9.5 फीसद पर बरकरार रखा है. बता दें कि आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की द्विमासिक तीन दिवसीय बैठक 6 अक्टूबर से 8 अक्टूबर तक आयोजित हुई है.
इस तरह आरबीआई ने आठवीं बार प्रमुख ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. विश्लेषक भी यही अनुमान लगा रहे थे कि केंद्रीय बैंक रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करेगा. बता दें कि आरबीआई ने कोरोना महामारी की पहली लहर के बीच 22 मई, 2020 को रेपो दर में 0.4 फीसदी की कमी की थी. इसके बाद पिछली आठ मौद्रिक नीति समीक्षा की बैठकों में प्रमुख ब्याज दरों को यथावत बनाए रखने के फैसले लिये गए हैं. आरबीआई गवर्नर ने कहा कि उपभोक्ता मूल्य मुद्रास्फीति जुलाई 2021 में 5.59 फीसदी से घटकर अगस्त 2021 में 5.3 फीसदी हो गई.
रेपो रेट वह दर होती है, जिसपर बैंकों को आरबीआई कर्ज देता है. बैंक इस कर्ज से ग्राहकों को लोन उपलब्ध कराते हैं. अर्थात रेपो रेट के कम होने पर बैंक भी ग्राहकों को कम दर पर लोन मुहैया कराते हैं. वहीं, रिवर्स रेपो रेट वह दर होती है, जिसपर बैंकों को उनकी ओर से आरबीआई में जमा धन पर ब्याज मिलता है. रिवर्स रेपो रेट बाजारों में नकदी की तरलता को नियंत्रित करने में काम आती है.