आरबीआई ने कहा कि बैंक/व्हाइट लेबल एटीएम ऑपरेटरों को एटीएम में नकदी की उपलब्धता की मॉनिटरिंग के लिए अपने सिस्टम/मैकेनिज्म को मजबूत करना होगा और कैश-आउट से बचने के लिए समय पर पैसा डालना होगा.
कई बार आपको इमरजेंसी में पैसे की जरूरत पड़ती है तो आप एटीएम ये कैश निकालने जाते हैं लेकिन मशीन में कैश नहीं मिलने पर आपको परेशानी का सामना करना पड़ता है. अब जल्द ही आपको इस समस्या से निजात मिलने वाली है.
दरअसल आरबीआई (RBI) ने एटीएम में नकदी नहीं होने से लोगों को होने वाली असुविधा को दूर करने के लिए बैंकों पर लगाम लगाने की तैयारी कर ली है. एक अक्टूबर से भारतीय रिजर्व बैंक अब एटीएम में समय पर पैसा नहीं डालने वाले बैंक पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाएगा.
जानें क्या है ये नियम
RBI किसी एक महीने में एटीएम (ऑटोमेटेड टेलर मशीन) में 10 घंटे से ज्यादा समय तक नकदी नहीं रहने पर संबंधित बैंक पर यह फाइन लगाएगा. यह व्यवस्था एक अक्टूबर, 2021 से लागू की जाएगी. RBI का कहना है कि एटीएम में कैश नहीं डालने पर जुर्माना लगाने का मकसद यह देखना है कि लोगों की सुविधा के लिए इन मशीनों में पर्याप्त धन उपलब्ध हो. RBI ने कहा, नियम को नहीं मानने पर इसे गंभीरता से लिया जाएगा और कैश फाइन लगाया जाएगा.
बैंक कैश की उपलब्धता को लेकर मजबूत करेंगे प्रणाली
रिजर्व बैंक के पास नोट जारी करने की जिम्मेदारी है तो वहीं बैंक अपनी शाखाओं और एटीएम के व्यापक नेटवर्क के जरिए जनता को पैसे उपलब्ध कराने की भूमिका अदा करते हैं. RBI के मुताबिक यह निर्णय किया गया कि बैंक/व्हाइट लेबल ATM में कैश की उपलब्धता को लेकर अपनी प्रणाली को मजबूत बनाएंगे और यह देखेगा कि मशीन में कैश समय पर डाला जा रहा है या नहीं.
नॉन बैंकिंग यूनिट्स से फाइन वसूल कर सकते हैं बैंक
जून 2021 के लास्ट तक हमारे देश में अलग-अलग बैंकों के 2,13,766 एटीएम थे.व्हाइट लेबल ATM के मामले में जुर्माना उस बैंक पर लगाया जाएगा, जो संबंधित एटीएम में नकदी को पूरा करता है. व्हाइट लेबल ATM का परिचालन नॉन बैंकिंग यूनिट्स करती हैं. बैंक व्हाइट लेबल ATM परिचालक से फाइन वसूल कर सकता है.