बैंक कर्मचारी संगठनों की बुलाई हड़ताल (Bank Strike) के चलते देशभर में सोमवार को चेक क्लीयरेंस समेत दूसरी बैंकिंग सेवाएं प्रभावित हुई हैं. युनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (UFBU) के तहत बैंक कर्मचारी संगठन दो सरकारी बैंकों के प्रस्तावित निजीकरण का विरोध कर रहे हैं. संगठनों ने 15 और 16 मार्च को सरकारी बैंकों में हड़ताल (Bank Strike) का ऐलान किया था.
UFBU नौ संगठनों का एक संयुक्त संगठन है. संगठन का दावा है कि इस हड़ताल (Bank Strike) में 10 लाख से ज्यादा बैंक कर्मचारी शामिल हो रहे हैं.
हालांकि, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक और एक्सिस बैंक जैसे निजी बैंक खुले हैं और वे इस हड़ताल (Bank Strike) में शामिल नहीं हैं.
पिछले महीने पेश किए गए केंद्रीय बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दो सरकारी बैंकों के निजीकरण का ऐलान किया था.
सरकार पहले ही आईडीबीआई (IDBI) बैंक का निजीकरण कर चुकी है. इस बैंक में सरकार ने अपनी हिस्सेदारी को 2019 में एलआईसी (LIC) को बेच दिया था. इसके अलावा, पिछले 4 साल में सरकार 14 सरकारी बैंकों का मर्जर भी कर चुकी है.
ऑल इंडिया बैंक एंप्लॉयीज एसोसिएशन (AIBEA) के जनरल सेक्रेटरी सी एच वेंकटचलम के मुताबिक, ब्रांच स्तर पर मिलने वाली सेवाएं, चेक क्लीयरेंस और सरकारी ट्रांजैक्शंस पर इस हड़ताल का असर पड़ा है.
हालांकि, कई कारोबारी संगठन इस हड़ताल से कामकाज पर होने वाले नुकसान पर चिंता जता रहे हैं. इन संगठनों का कहना है कि इस हड़ताल से हर दिन अर्थव्यवस्था को 70,000 करोड़ रुपये तक का नुकसान होगा.
इसके अलावा, मनी मार्केट और स्टॉक मार्केट को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि पेमेंट्स पर इसका असर पड़ रहा है.
UFBU के सदस्यों में ऑल इंडिया बैंक एंप्लॉयीज एसोसिएशन (AIBEA), ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कनफेडरेशन (AIBOC), नेशनल कनफेडरेशन ऑफ बैंक एंप्लॉयीज (एनसीबीई), ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन (AIBOA) और बैंक एंप्लॉयीज कनफेडरेशन ऑफ इंडिया (BEFI) जैसे संगठन शामिल हैं.