Bank Strike: बैंक कर्मचारियों की दो दिवसीय हड़ताल के पहले दिन सोमवार को बैंकों के कामकाज पर हड़ताल का असर दिखा. महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, राजस्थान जैसे कई राज्यों में हड़ताल का असर दिखा. सरकारी बैंकों के निजीकरण के सरकार के फैसले के खिलाफ बैंक यूनियनों ने 15- 16 मार्च को दो दिन की हड़ताल का आह्वान किया है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी 2021 को पेश बजट में सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण का प्रस्ताव किया है. सरकार ने विनिवेश कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुये यह घोषणा की है.
सार्वजनिक क्षेत्र के विभिन्न बैंकों की नौ यूनियनों के संयुक्त मंच यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) ने बैंकों के निजीकरण के विरोध में देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है.
महाराष्ट्र में 40 हजार अधिकारी हड़ताल पर
महाराष्ट्र के बैंकों के 40 हजार के करीब अधिकारी और कर्मचारी सोमवार को हड़ताल (Bank Strike) पर रहे.
यूएफबीयू के महाराष्ट्र संयोजक देविदास तुल्जापुरकर ने एक वक्तव्य में कहा कि राज्य में 40 हजार के करीब बैंक कर्मचारी और अधिकारी हड़ताल में भाग ले रहे हैं. राज्य में बैंकों की करीब दस हजार शाखायें हैं.
मध्य प्रदेश में 7,800 बैंक शाखाओं में सोमवार को काम-काज ठप रहा और इससे अलग-अलग बैंकिंग सेवाएं प्रभावित हुईं। बैंक कर्मचारियों के एक संगठन ने यह जानकारी दी.
मध्य प्रदेश बैंक एम्प्लॉयीज एसोसिएशन (एमपीबीईए) के अध्यक्ष एम के शुक्ला ने बताया, ‘सूबे की 7,800 शाखाओं के करीब 32,000 अधिकारी-कर्मचारी दो दिवसीय हड़ताल में शामिल हो रहे हैं। इनमें 12 सरकारी बैंकों और कुछ क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) के कर्मचारी शामिल हैं.’
उन्होंने बताया कि हड़ताल (Bank Strike) से इन बैंक शाखाओं में धन जमा करने और निकालने के साथ चेक निपटान, सावधि जमा (एफडी) योजनाओं का नवीनीकरण, सरकारी खजाने से जुड़े काम और अन्य नियमित कार्य प्रभावित हो रहे हैं.
बैंक कर्मचारियों के हड़ताल से आप बैंकिंग सर्विसेस का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं तो आप इंटरनेट बैंकिंग के जरिए पैसे ट्रांसफर, बिल पेमेंट जैसे काम निपटा सकते हैं. बैंक यूनियनों के हड़ताल के आह्वान को देखते हुये सार्वजनिक क्षेत्र के कई बैंक ने पहले ही अपने ग्राहकों को इंटरनेट, मोबाइल बैंकिंग, ATM जैसे डिजिटल चैनल अपनाने के बारे में सूचना दी है.
पिछले महीने पेश किए गए केंद्रीय बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दो सरकारी बैंकों के निजीकरण का ऐलान किया था.
सरकार पहले ही आईडीबीआई (IDBI) बैंक का निजीकरण कर चुकी है. इस बैंक में सरकार ने अपनी हिस्सेदारी को 2019 में एलआईसी (LIC) को बेच दिया था. इसके अलावा, पिछले 4 साल में सरकार 14 सरकारी बैंकों का मर्जर भी कर चुकी है.
ऑल इंडिया बैंक एंप्लॉयीज एसोसिएशन (AIBEA) के जनरल सेक्रेटरी सी एच वेंकटचलम के मुताबिक, ब्रांच स्तर पर मिलने वाली सेवाएं, चेक क्लीयरेंस और सरकारी ट्रांजैक्शंस पर इस हड़ताल (Bank Strike) का असर पड़ा है.
हालांकि, कई कारोबारी संगठन इस हड़ताल से कामकाज पर होने वाले नुकसान पर चिंता जता रहे हैं. इन संगठनों का कहना है कि इस हड़ताल से हर दिन अर्थव्यवस्था को 70,000 करोड़ रुपये तक का नुकसान होगा.
(PTI इनपुट के साथ)
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