हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक सर्कुलर जारी कर के मुफ्त सीमा के बाद एटीएम ट्रांजेक्शन पर लगने वाले चार्ज (ATM Transaction Charge) को बढ़ाने का फैसला किया है. आरबीआई के सर्कुलर के अनुसार अगले साल 1 जनवरी से एटीएम लेनदेन की लागत बढ़ने वाली है. अभी मौजूदा समय में बैंक अपने एटीएम पर 5 बार और दूसरे बैंकों के एटीएम पर 3 बार ही फ्री ट्रांजेक्शन की सुविधा दे रहे हैं. इसके बाद प्रत्येक ट्रांजेक्शन पर 20 रुपये से अधिक जीएसटी वसूलते हैं. हालांकि देश में अभी भी कुछ बैंक ऐसे हैं जो अपने ग्राहकों को असीमित मुफ्त एटीएम लेनदेन की पेशकश कर रहे हैं. आइए आपको बताते हैं इन बैंकों के बारे में
सबसे तेजी से बढ़ते निजी बैंकों में से एक इंडसइंड बैंक अपने ग्राहकों को देश में किसी भी बैंक के एटीएम पर असीमित मुफ्त ट्रांजेक्शन (Unlimited Free ATM Transactions) की सुविधा दे रहा है. बैंक की वेबसाइट के मुताबिक, ग्राहक देश में किसी भी एटीएम से आपके इंडसइंड बैंक डेबिट कार्ड से असीमित मुफ्त एटीएम निकासी कर सकते हैं.
बैंक ने कहा कि न तो ग्राहकों को कोई अतिरिक्त राशि का भुगतान करना पड़ता है और न ही ग्राहक के खाते से कोई राशि काटी जाती है.
अगर आप आईडीबीआई बैंक के ग्राहक हैं या बैंक में खाता खोलने की योजना बना रहे हैं, तो आपको बता दें कि ये बैंक भी अपने खुद के एटीएम पर मुफ्त असीमित लेनदेन (Unlimited Free ATM Transactions) और अन्य बैंकों के एटीएम पर पांच मुफ्त ट्रांजेक्शन की सुविधा दे रहा है.
हालांकि सिटी बैंक जल्द ही भारत में अपने खुदरा बैंकिंग कारोबार को खत्म कर रहा है, लेकिन यह बैंक अपने ग्राहकों को एटीएम में असीमित मुफ्त लेनदेन (Unlimited Free ATM Transactions) की पेशकश कर रहा है.
वर्तमान में, भारत में अधिकांश निजी और सार्वजनिक बैंक शहरी शहरों और कस्बों में तीन से पांच मुफ्त एटीएम लेनदेन की सुविधा देते हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में, हालांकि, निजी और सार्वजनिक बैंक दोनों प्रकार के एटीएम के लिए अधिकतम पांच फ्री ट्रांजेक्शन की सुविधा देते हैं.
वर्तमान में बैंक द्वारा नकद निकासी पर 20 रुपये प्लस जीएसटी का चार्ज लगाते हैं. जिसे 1 जनवरी, 2022 से बढ़ाकर 21 रुपये प्लस जीएसटी कर दिया जाएगा.
आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल अक्टूबर आखिरी तक देश में एटीएम की कुल संख्या 2,34,244 थी. वर्ष 2012 और 2016 के बीच सालाना लगभग 14% बढ़ने के बाद एटीएम में वर्ष 2016 से 7-9% की वृद्धि हुई है. लेकिन वर्ष 2020 शायद पहला साल है जहां एटीएम की संख्या में कमी आई है. विशेषज्ञों का मानना है कि इसकी वजह ऑनलाइन लेनदेन की संख्या साल-दर-साल तेजी से बढ़ना है.
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