Contactless Debit Card: क्रेडिट और डेबिट कार्ड पर अब एक ऐसा सिंबल बनकर आ रहा है जो देखने में एकदम वाई-फाई के चिन्ह के जैसा लगता है. अगर आपके कार्ड पर भी यह सिंबल बना है तो इसके फायदे भी है और नुकसान भी. आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं.
– सबसे पहले आपको बता दें कि वाई-फाई इनेबल क्रेडिट-डेबिट कार्ड को कॉन्टेक्टलेस कार्ड भी कहा जाता है. ऐसे कार्ड से बिना पिन इस्तेमाल किए पीओएस मशीन से 5,000 रुपये तक निकाले जा सकते हैं. उदाहरण के तौर पर यदि आपकी जेब में वाई-फाई क्रेडिट-डेबिट कार्ड है तो ठग आपकी जेब में पीओएस मशीन टच करके पैसे निकाल सकते हैं. ऐसे कार्ड की रेंज 4 सेंटीमीटर है और इससे एक समय में एक ही ट्रांजेक्शन किया जा सकता है.
– ऐसे कार्ड को भले ही वाई-फाई क्रेडिट-डेबिट कहा जाता है लेकिन वाई-फाई के जरिए काम नहीं करता है. ऐसे कार्ड एनएफसी (नियर फिल्ड कम्यूनिकेशन) और RFID (रेडियो फ्रिकवेंसी आइडेंटिफिकेशन) टेक्नोलॉजी पर काम करता है.
– ऐसे कार्ड में एक चिप होता है जो कि बहुत ही पतले एक मेटल एंटीना से जुड़ा रहता है. इसी एंटीना के जरिए पीओएस मशीन को सिग्नल मिलता है और इसी एंटीना को पीओएस मशीन से रेडियो फ्रिकवेंसी फिल्ड के जरिए इलेक्ट्रिसिटी मिलती है.
– यह पेमेंट टेक्नोलॉजी विकसित देशों में तेजी से बढ़ रही है. ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, यूके और फ्रांस में तो हर चार में से एक कार्ड कॉन्टेक्टलेस है. अब इंडिया में भी जो नए कार्ड आ रहे हैं वो कॉन्टेक्टलेस हैं.
– पेमेंट में बिल्कुल वक्त नहीं लगता. कार्ड को स्वाइप किए बिना पेमेंट हो जाता है. – कार्ड को किसी को देने की जरूरत नहीं होती. – 5000 रुपए तक का ट्रांजेक्शन इससे कर सकते हैं. इसके लिए पिन डालना जरूरी नहीं होता. – छोटे लेनेदेन के लिए पासवर्ड पंच-इन करने की जरूरत नहीं होती है – इससे खर्च की डिजिटल लिस्ट तैयार होती जाती है. – 20 हजार से नीचे की पेमेंट में ही इस फीचर का इस्तेमाल हो सकता है.
– 2016 में एक फोटो वायरल हुई थी जिसमें एक चोर ट्रेन में भीड़ के बीच पीओएस मशीन लिए खड़ा दिख रहा था.
– क्योंकि इसमें सिर्फ पीओएस मशीन से कार्ड को टच करके पेमेंट हो सकता है. किसी तरह के पिन की जरूरत नहीं होती. ऐसे में कोई भी आपके कार्ड से आसानी से पेमेंट कर सकता है. ओटीपी की जरूरत भी इसमें नहीं होती.
– आरबीआई ने इस कार्ड के जरिए पेमेंट की लिमिट 2 हजार रुपए तक तय कर रखी थी जिसे बढाकर 5 हजार रुपये कर दिया गया है. इससे ज्यादा के पेमेंट के लिए पिन डालना जरूरी होता है.
– आवेदन करते समय जान लें कि कौन सा कार्ड लेना है. – खरीददारी के दौरान बिल लेना न भूलें . – जांच लें कि कैशियर ने कितनी राशि भरी है. – ज्यादा कार्ड हों तो तय करें किससे करना है भुगतान. – किसी होटल या दुकान में पेमेंट करते समय कार्ड दुकानदार के हाथ में ना दें. – अपने सामने स्वैप कराएं और ट्रांजेक्शन के बाद आने वाले मैसेज को उसी दौरान चेक करें.
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