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कैसे रुकेगी बैंकों की मनमानी?

आरबीआई को श‍िकायतें मिल रही थीं कि ब्याज दर बढ़ने के बाद बैंकों ने ग्राहकों को जानकारी दिए बिना लोन की अवधि या ईएमआई बढ़ा दी.

  • दिनेश अग्रहरि
  • Last Updated : August 25, 2023, 06:17 IST
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कृष्‍णा नोएडा की एक एक्‍सपोर्ट कंपनी में काम करते हैं. उन्‍होंने एक फ्लैट लिया है जिसका होम लोन उनके लिए एक बड़े बोझ की तरह है. लेकिन इसमें भी उनकी चिंता और बढ़ा रही है ब्‍याज दरों की तेजी. जब भी रिजर्व बैंक रेपो रेट बढ़ाता है उनके होम लोन की ईएमआई बढ़ जाती है.

लेकिन अब एक खबर से कृष्‍णा काफी खुश हैं. ईएमआई आधारित पर्सनल रिटेल लोन के मामले में आरबीआई ने बैंक व अन्‍य वित्‍तीय संस्‍थाओं के ग्राहकों को बड़ी राहत दी है. इसके तहत रिजर्व बैंक ने ग्राहकों को इस बात की पूरी आजादी दे दी है कि वो खुद यह चुन सकें कि फिक्‍स्‍ड रेट पर ब्‍याज देना है या फ्लोटिंग रेट पर. इससे होमलोन ग्राहकों को बड़ा फायदा होगा.

रिजर्व बैंक ने कहा है कि ईएमआई आधारित फ्लोटिंग रेट लोन की मंजूरी के समय ही बैंकों को कर्जदार की कर्ज चुकाने की क्षमता का ध्‍यान रखना होगा ताकि टेन्‍योर या ईएमआई में बदलाव के लिए पर्याप्‍त गुंजाइश पहले से ही सुनिश्चित हो सके. आरबीआई को श‍िकायतें मिल रही थीं कि ब्याज दर बढ़ने के बाद बैंकों ने ग्राहकों को जानकारी दिए बिना लोन की अवधि या ईएमआई बढ़ा दी.

क्‍या-क्‍या हुए बदलाव? 1.रिजर्व बैंक के निर्देश के मुताबिक अब लोन मंजूरी के समय ही बैंक को कर्जधारक को साफ-साफ जानकारी देनी होगी कि ब्‍याज दरों में बदलाव का लोन की ईएमआई और टेन्‍योर या दोनों पर क्‍या असर हो सकता है. इसी तरह ब्‍याज दरों में बदलाव होने पर ईएमआई या टेन्‍योर या दोनों में किसी भी तरह के बदलाव के बारे में पूरा ब्योरा दिया जाएगा.

2.ब्‍याज दरों में बदलाव के समय बैंकों को कर्जधारकों को यह विकल्‍प देना होगा कि वे चाहें तो फिक्‍स्‍ड या फ्लोटिंग रेट में इंटरचेंज कर सके. लोन मंजूरी के समय ही ग्राहकों को यह जानकारी दी जाएगी कि वह पूरे लोन की अवध‍ि में ऐसा बदलाव कितनी बार कर सकता है.

3.फिक्‍स से फ्लोटिंग या इसके उलट इंटरचेंज करने पर कितना सर्विस चार्ज या या अन्य कोई चार्ज लगेगा, इसकी पूरी जानकारी पारदर्शी तरीके से बैंक को सैंक्‍शन लेटर में देनी होगी और बाद में किसी तरह के रिवीजन के समय भी सूचना देनी होगी. ग्राहकों को यह भी विकल्‍प देना होगा कि वह जब चाहे ईएमआई में वृद्धि, टेन्‍योर यानी अवध‍ि बढ़ाने या दोनों विकल्‍पों का चुनाव करे. वह चाहे तो किसी भी समय लोन का आंश‍िक या पूरा प्री-पेमेंट कर सकता है. 4. रिजर्व बैंक ने कहा है कि ग्राहक के लोन को फिक्‍स्‍ड से फ्लोटिंग या फ्लोटिंग से फिक्‍स्‍ड रेट में स्विच करने पर कितना चार्ज लगेगा या इस विकल्‍प चुनने पर अन्‍य सभी तरह के सर्विस चार्ज, प्रशासनिक शुल्‍कों की जानकारी लोन के सैंक्‍शन लेटर में ही पारदर्शी तरीके से देनी होगी.

5. रिजर्व बैंक को हर तिमाही के अंत में कर्जधारक को एक स्‍टेटमेंट देनी होगी जिसमें यह बताया जाएगा कि अभी तक प्रिंसिपल और ब्‍याज राश‍ि की कितनी वसूली हुई है, कितनी ईएमआई बची है और बाकी लोन पर सालाना ब्‍याज कितना होगा.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट? वॉयस ऑफ बैंकिंग के फाउंडर अश्‍विनी राणा ने कहा कि रिजर्व बैंक के इस कदम से ब्‍याज दरों में वृद्धि से परेशान ग्राहकों को काफी राहत मिलेगी. बैंक अब ग्राहकों से उनका विकल्‍प पूछेंगे कि वे फिक्‍स्‍ड रेट बनाए रखना चाहते हैं या फ्लोटिंग रेट चाहते हैं. यही नहीं, बीच में कभी भी ग्राहक इस विकल्‍प में बदलाव कर सकते हैं. रिजर्व बैंक ने यह सुनिश्चित करने को कहा है कि ये नियम 31 दिसंबर, 2023 तक सभी मौजूदा और नए लोन पर लागू हो जाएं.

रिटेल लोन पर नया नियम कंज्‍यूमर क्रेडिट, एजुकेशन लोन, अचल संपत्ति बनाने या उसमें सुधार के लिए लोन जैसे कि होम लोन, फाइनेंश‍ियल एसेट जैसे कि शेयर डिबेंचर खरीदने आदि के लिए गए लोन पर लागू होगा. आमतौर पर होम लोन के लिए ब्‍याज दरें फ्लोटिंग होती हैं, जबकि ऑटो और पर्सनल लोन के लिए ब्‍याज दरें फिक्‍स होती हैं.

Published - August 25, 2023, 06:17 IST

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