संयुक्त राष्ट्र की महिला निकाय की अध्यक्ष ने कहा कि लैंगिक समानता (Gender Equality) के लिए सतत आवाज उठा रहे विश्व निकाय को राजनीतिक नेतृत्व के क्षेत्र में महिला-पुरुष असमानता को दूर करने के लिए और कोविड-19 महामारी के बाद अर्थव्यवस्था को दोबारा खड़ा करने में महिलाओं की मजबूत आवाज सुनिश्चित करने के लिए कार्य करना चाहिए.
महिलाओं की स्थिति पर ‘‘यूएन वीमेन’’ की अध्यक्ष फुमज़िले म्लाम्बो-न्गुका ने एसोसिएटेड प्रेस को दिए साक्षात्कार में कहा कि महामारी की वजह से जहां महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा के मामले बढ़े हैं, वहीं करीब दो तिहाई महिलाओं का रोजगार छिन गया.
उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा 1.1 करोड़ लड़कियों पर कभी भी स्कूल नहीं लौटने का खतरा मंडरा रहा है और बाल गृहों में जाने वाले अनाथों की संख्या भी बढ़ सकती है.”
न्गुका ने कहा,‘‘आप जिस क्षेत्र को भी देखें , महिलाओं की स्थिति महामारी की वजह से खराब हुई है, जहां हमेशा से भेदभाव रहा है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए हमारी सलाह है कि समानता, हरित अर्थव्यवस्था और संसाधनों का समान वितरण सुनिश्चित किया जाए ताकि महिलाओं की स्थिति सुधर सके. ऐसा होने पर लैंगिक समानता (Gender Equality) की राह भी मजबूत होगी.’’
न्गुका ने कहा कि महामारी ने स्पष्ट कर दिया है जिसका उल्लेख संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतारेस ने इस महीने के शुरु में अंतराष्ट्रीय महिला दिवस पर किया था कि ‘‘ यह दुनिया अब भी पुरुष प्रभुत्ववादी एवं पुरुष के प्रभुत्व वाली संस्कृति की है.’’
उन्होंने कहा कि इन मुद्दों पर शुक्रवार को समाप्त हुई आयोग की दो हफ्ते की बैठक में चर्चा की गई.