चालू वित्त वर्ष में जुलाई तक कॉमर्शियल पेपर्स (सीपी) की संख्या भी बढ़ी है. इस दौरान 4.86 लाख करोड़ रुपये के कॉमर्शियल पेपर्स पत्र जारी किये गये
आरबीआई के मुताबिक डिमांड में जोरदार उछाल देखने को मिल सकता है. साथ ही ग्रामीण इलाकों में लोगों के खर्च करने की प्रवृति में सुधार हो रहा है
अगस्त की मेहनत का असर सितंबर में साफ तौर से दिखाई दे रहा है. इसके अलावा मुद्रास्फीति में भी एक अनुकूल सुधार हुआ है.