
इस पूरे प्रोजेक्ट की लागत 386 करोड़ रुपये थी. इस मिशन की खासियत ये थी कि चंद्रयान-1 ने चांद की सतह पर पानी के सबूत खोजे.

ISRO ने पीएसएलवी-सी 51 के जरिए एक साथ 19 उपग्रहों को लॉन्च किया. इनमें DRDO के 'सिंधु नेत्र' निगरानी उपग्रह को भी अंतरिक्ष में भेजा गया है.