सुब्बाराव ने अपनी किताब ‘जस्ट ए मर्सिनरी?: नोट्स फ्रॉम माई लाइफ एंड करियर’ में लिखा है कि केंद्रीय बैंक की स्वायत्तता के महत्व पर सरकार में ‘थोड़ी समझ और संवेदनशीलता’ ही है.