आपकी नई बीमा पॉलिसी में ट्रांसफर हो जाएगा. पोर्टेबिलिटी का बड़ा लाभ यह है कि आप अपने मेडिकल खर्चो पर नियंत्रण रख पाते है.
उम्र और अनुभवों के हिसाब से लोग चुनाव करना शुरू करेंगे. घई का आगे कहना है कि लोग धीरे-धीरे कई छोटे कवर ले सकते हैं.
जब हेल्थ इंश्योरेंस की बात आती है इसमें दो ऑप्शन उपलब्ध होते हैं. पहला व्यक्तिगत हेल्थ प्लान और दूसरा फैमिली फ्लोटर पॉलिसी.
प्रीमियम का फाइनल पेमेंट 254 रुपए से बढ़ गया. मतलब एक साल में कुल 3048 रुपए का एडिशनल खर्चा जो GST की वजह से बढ़ गया है.
Health Insurance: पॉलिसी लेते वक्त आपको कई बातों पर ध्यान देना चाहिए. मसलन, प्री-पोस्ट हॉस्पिटलाइजेशन का खर्च, क्लेम सेटलमेंट रेश्यो आदि.
हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम कॉस्ट कम करने के लिए आपको कम उच्च स्वैच्छिक कटौती का विकल्प चुनना चाहिए. नो-क्लेम बोनस का फायदा उठाना नहीं भूलना चाहिए.
आपके टर्म इंश्योरेंस प्रीमियम को प्रभावित करते हैं. इसलिए कोई भी पॉलिसी को सिलेक्ट करने से पहले इन फैक्टर को समझना जरूरी है.
जब हेल्थ इंश्योरेंस की बात आती है, इसमें दो ऑप्शन उपलब्ध होते हैं. पहला व्यक्तिगत हेल्थ प्लान और दूसरा फैमिली फ्लोटर पॉलिसी.
आप पूरे वित्त वर्ष में जीवन बीमा पॉलिसी के लिए जो प्रीमियम चुकाते हैं उस रकम पर Income Tax कानून 1961 के सेक्शन 80C के तहत कर छूट पा सकते हैं.
इंश्योरेंस रेगुलेटर IRDAI ने पिछले साल सभी इंश्योरेंस कंपनियों को आरोग्य संजीवनी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी ऑफर करने का निर्देश दिया था.