इससे ज्यादा दुखी बुआ पहले कभी नहीं थीं. किसी काम में मन नहीं लग रहा. बार बार बस दरवाजा देखते बन रहा. फूफा अब आए कि अब आए.
ज्यादातर मामलों में आपत्तियां विक्रेता के पारिवारिक सदस्यों और हिस्सेदारों की ओर से ही दर्ज कराई जाती हैं. इसकी प्रमुख वजह गृह क्लेश होती है.