मनीटाइम के इस बुलेटिन में आपको मिलेंगी दिन भर की सारी उन बड़ी खबरों की जानकारी, जिनका असर आपकी जेब और जिंदगी पर होता है.
नॉन बैंकिंग और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां एफडी पर बैंकों की तुलना में बेहतर ब्याज का ऑफर दे रही हैं. कितनी उपयोगी है कॉरपोरेट एफडी, क्या हैं जोखिम?
महामारी के बाद से बाजार में कर्ज की मांग बढ़ रही है. ऐसे में कर्ज की मांग तेजी से बढ़ेगी. ऐसे में FD में अभी कितनी अवधि का निवेश करें, जानिए इस शो में
छोटे नहीं अब बड़े पैकेट खरीदने पर होगा क्या फायदा, समय से पहले तुड़वाई एफडी तो देना होगा डबल जुर्माना, ग्रामीण अर्थव्यवस्था में आ रहा है कैसे सुधार
कॉरपोरेट FD में निवेश का फैसला लेने से पहले इसके साथ जुड़े जोखिम को भी समझिए. चैन की सांस का ये शो बता रहा है बैंक FD और कॉरपोरेट FD का अंतर.
फिक्स्ड डिपॉजिट की खोई हुई चमक वापस लौट रही है. ब्याज दरों में upcycle यानी वृद्धि का चक्र शुरू हो गया है.
अगर आपने fixed deposit कराई है तो कुछ जरूरी बातों को ध्यान में रखें नहीं तो बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ सकता है.
ब्याज दरों में गिरावट का सिलसिला अब थम गया है. एसबीआई और एचडीएफसी जैसे देश के बड़े Banks ने जमा पर ब्याज बढ़ा दिया है.
एचडीएफसी लिमिटेड और बजाज फाइनेंस, दोनों एएए रेटेड कंपनियां, अपनी सावधि जमा (एफडी) पर 0.30 प्रतिशत अंक से अधिक रिटर्न दे रही हैं.
पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम (POMIS) और पांच साल का फिक्स्ड डिपॉजिट दो छोटी सेविंग स्कीम हैं जो लगभग एक समान हैं. लेकिन फिर भी, उनके बीच कुछ अंतर हैं.