Privatisation: कई संगठनों से लगभग 10 लाख बैंक कर्मचारी और अधिकारी मिलकर सरकार के प्रस्ताव के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं.
Privatisation: बड़ी पूंजी लगाने के बावजूद सरकारी कंपनियों की ऐसी हालत है कि उनकी पूंजी पर रिटर्न 2009 के मुकाबले 2018 में करीब आधी ही रह गई.